राम वन गमन परिपथ में ऐसे स्थलों का चिन्हांकन किया गया है, जहां से भगवान श्रीराम अपने वनवास काल के दौरान गुजरे थे। ऐसे स्थानों का चयन कर राम वन गमन परिपथ को एक पर्यटन सर्किट के रूप में विकसित किया जा रहा है।
उदयपुर के रामगढ़ की पहाड़ी एवं महेशपुर को राम वनगमन परिपथ में शामिल किया गया है, जिससे पर्यटन के रूप में विकसित किया जाएगा। कलेक्टर संजीव कुमार झा के मार्गदर्शन में तथा जिला पंचायत के सीईओ कुलदीप शर्मा के नेतृत्व में राम वनगमन पथ में सघन पौधारोपण की तैयारी की जा रही है। पथ में करीब 3600 पौधे रोपे जाएंगे। कुलदीप शर्मा ने बताया कि इसमें एजेंसी वन विभाग को बनाया गया है जिसके द्वारा आम, नीम, कटहल, गुलमोहर, करंज, जामुन, इमली, आदि के पौधे लगाये जाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इन सभी वृक्षों को महिला स्व सहायता समूह के द्वारा बनाए जा रहे बांस के ट्री-गार्ड से सुरक्षित की जायेगी। वन विभाग महिला समूह से 450 रुपए प्रति नग की दर से ट्री-गार्ड खरीदेगा। ट्री-गार्ड बनाकर बेचने से महिलाओं के समूह की आमदनी बढ़ेगी और पौधों की ज्यादा सुरक्षा होगी। ट्री-गार्ड लगने से मवेशी पौधों को कोई क्षति नहीं पहुंचा सकेंगे। वन विभाग के द्वारा अगले तीन वर्ष तक रोपे जा रहे पौधों की देखभाल की जाएगी
3600 पौधे लगाने में खर्च किए जाएंगे 40.35 लाख
10 किमी में 40.35 लाख रुपए में 3600 पौधे रोपे जाएंगे। इन कार्यों में ग्राम पंचायत पुटा में उदयपुर से रामनगर केदमा मार्ग में 3 किमी में 12 सौ पौधे, ग्राम पंचायत शानीबर्रा में रामनगर से लछमनगढ़ 2 किमी में 800 पौधे, खोडरी में जनपद पंचायत उदयपुर से देवगढ़ रोड तक 3 किमी में 800 पौधे, महेशपुर मंदिर से केदमा मार्ग तक 1.25 किमी में 400 पौधे, ग्राम पंचायत झिरमिटी अल्कापुर से हार्टिकल्चर नर्सरी तक एनएच 130 के किनारे 1 किमी टर में 400 पौधे लगाए जाएंगे।
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