दुधावा के उप स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव कराने पहुंची गर्भवती के परिजन से अस्पताल की नर्स द्वारा पैसे मांगे जाने के मामले में उसे निलंबित कर दिया गया है। इस मामले की शिकायत सोशल मीडिया में वायरल कर दी गई थी। इस पर सीएमएचओ ने नरहरपुर बीएमओ को जांच के लिए पीडि़त परिवार के घर भेजा था। बीएमओ ने जांच प्रतिवेदन सीएमएचओ को भेजा। सीएमएचओ डॉ जेएल उइके ने महिला ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक को निलंबित कर दिया। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय बीएमओ कार्यालय कोयलीबेड़ा होगा।
विगत दिनों दुधावा निवासी दिनेश रजक ने डिलीवरी के नाम पर पैसे लेने के नाम से एक आवेदन लिखकर सोशल मीडिया के एक ग्रुप में वायरल कर दिया था। आवेदन जिला चिकित्सा अधिकारी तक गया।। उन्होंने नरहरपुर बीएमओ डॉ. प्रशांत सिंग को जांच कर रिपोर्ट देने कहा। बीएमओ जांच करने पीडि़त परिवार के घर पहुंचे व सभी से बयान दर्ज किया। पीडि़त के परिजनों ने बताया कि दुधावा उप स्वास्थ्य केंद्र की महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता रमा देवी वर्मा क्षेत्र से डिलीवरी कराने पहुंचने वाले परिजनों से पैसे की मांग करती हैं। उनसे भी पैसे की मांग की गई। पैसा नहीं देने पर जन्म प्रमाण पत्र नहीं दिया जा रहा था। जब उन्हें 1500 रुपए दिए तब ही प्रमाण पत्र दिया। इसके अलावा अन्य लोगों ने भी स्वास्थ्य संयोजक द्वारा पैसे लेने की शिकायत की गई। बीएमओ ने नर्स का भी बयान लिया। जांच में शिकायत सही पाई गई। उसके बाद यह कार्रवाई की गई।
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