सूरजपुुर जिले के जयनगर इलाके के कांसापारा निवासी युवक की रायपुर एम्स में कोरोना से मौत हो गई। अंबिकापुर में उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी। घर में तबीयत बिगड़ी तो परिजन रायपुर ले गए थे। जहां जांच में वह कोरोना संक्रमित मिला था। अब उसके संपर्क में आए लोगों का सैम्पल लिया जा रहा है।
कांसापारा निवासी 35 वर्षीय युवक के बनारस से लौटने के 3 दिन बाद सर्दी-खांसी हुई तो परिजन उसे अंबिकापुर के होलीक्रॉस हॉस्पिटल ले गए थे। जहां से मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया था। वहां कोरोना जांच निगेटिव आने पर घर लौट आया था। जहां तबीयत खराब होने पर निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां से रायपुर एम्स के रेफर किया गया था। जहां 4 अगस्त को मौत होने पर एम्स प्रबंधन ने बताया कि युवक कोरोना पॉजिटिव था। इधर बुधवार को अंबिकापुर में 5 नए कोरोना पीड़ित मिले। इनमें मेडिकल काॅलेज के कोविड केंद्र में ड्यूटी करने वाली एक महिला सफाईकर्मी, एक प्राइवेट बैंककर्मी व शहर के महामायापारा इलाके से बालिका, महिला व एक पुरुष पाॅजिटिव मिले हैं।
मौतों का सिलसिला और संक्रमण लगातार बढ़ रहा
सरगुजा संभाग में कोरोना से अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें सरगुजा के अंबिकापुर निवासी 2 बुजुर्ग, कोरिया निवासी एक बुजुर्ग और सूरजपुर जिले के 22 वर्षीय व 35 वर्षीय युवक शामिल हैं। इन मौतों के बाद उनके संपर्क में आए लोगों की पहचान करने में स्वास्थ्य अमले को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। वहीं अंबिकापुर के दो अस्पतालों में युवक का इलाज कोरोना निगेटिव मानकर किया गया। ऐसे में दोनों अस्पतालों के डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी उसके संपर्क में आए हैं। इसके बाद उन्होंने अस्पताल में भर्ती कई मरीजों का भी इलाज किया है। ऐसे में कोरोना विस्फोट का खतरा बढ़ गया है।
कोरोना को हराकर अस्पताल से 4 लोग डिस्चार्ज
कोरोना संक्रमण के बीच अस्पताल से राहत की भी खबर आ रही है। मरीज यहां से ठीक होकर घर लौट रहे हैं। बुधवार काे भी मेडिकल काॅलेज अस्पताल से ठीक होकर चार लोगों को डिस्चार्ज किया गया। ये शहर के अलग-अलग क्षेत्र के रहने वाले हैं और पाॅजिटिव पाए जाने पर इन्हें भर्ती किया गया था। इससे अस्पताल से ठीक होकर डिस्चार्ज होने वाले लोगों की संख्या अब 217 हो गई है। जिले में कोरोना से ठीक होने का दर लगभग सौ फीसदी है। अभी तक दो मौतें हुईं लेकिन वह भी जिले से बाहर रायपुर में इलाज के दौरान।
कोविड वार्ड में ड्यूटी के दौरान मेडिकल स्टाफ के संक्रमित होने का पहला केस
मेडिकल काॅलेज अस्पताल के कोविड वार्ड में ड्यूटी करने वाले मेडिकल स्टाफ के संक्रमित होने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप है। मई में यहां कोरोना संक्रमित मरीजों को भर्ती किया जाना शुरू हुआ था। खुद को जोखिम में डालकर ड्यूटी कर रहे डाॅक्टर व दूसरे स्वास्थ्यकर्मी अब तक मरीज के संपर्क में आने से पाॅजिटिव नहीं हुए थे। महिला पहली कर्मचारी है जो ड्यूटी के बाद मरीजों के संपर्क में आने से संक्रमित हुई है।
10 दिन ड्यूटी के बाद कर्मियों को किया जाता है क्वारेंटाइन
कोविड वार्ड में ड्यूटी करने वाले मेडिकल स्टाफ को संक्रमण से बचाने काफी सतर्कता बरती जा जाती है। ये ड्यूटी में पीपीई किट में रहते हैं। 10 दिन वार्ड में लगातार ड्यूटी के बाद सभी को एक होटल में 14 दिन क्वारेंटाइन किया जाता है। इसी दौरान उनका सैंपल लेकर जांच भी कराई जाती है। सब कुछ ठीक रहने के बाद ही 14 दिनों बाद ये अपने परिवार से मिलते हैं। इसके बाद फिर शिफ्ट आने पर ड्यूटी पर लौटते हैं।
रिपोर्ट आई तब बैंककर्मी ड्यूटी पर मौजूद था
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जो बैंककर्मी कोरोना पाॅजिटिव मिला है, वह जांच के लिए सैंपल देने के बाद भी ड्यूटी कर रहा था। उसे उम्मीद नहीं थी कि संक्रमित होगा लेकिन दोपहर में जब रिपोर्ट आई पता चला कि वह पाॅजिटिव है। चिंता की बात यह है बैंककर्मी बुधवार को ड्यूटी में ही था। इससे उसके सहकर्मियों में हड़कंप मच गया। अब बैंककर्मी के संपर्क में आने वालों की जांच की तैयारी की जा रही है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/39XDOQC
No comments:
Post a Comment