जिले के रायडीह थाना क्षेत्र के पोगरा निवासी केशरी दास की हत्या की जांच अब मानवाधिकार आयोग करेगा। उनकी पत्नी सुशीला देवी की शिकायत पर राज्य मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है। जिले के पुलिस अधीक्षक हृदीप पी जनार्दनन से रिपोर्ट तलब की गई है। वहीं आयोग में मामले की सुनवाई की तिथि 22 सितंबर मुकर्रर की है। ज्ञात हो कि पोगरा निवासी 39 वर्षीय केशरी दास की हत्या 10 मई 2019 को की गई थी। उनका शव गांव के एक कुएं से बरामद हुआ था। इसके बाद उसके परिजनों व रिश्तेदारों ने पुलिस को सूचना दिए बगैर शव का दाह संस्कार भी कर दिया था।
रायडीह थाना में अज्ञात उग्रवादी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसके बाद पुलिस घटना के अनुसंधान में जुट गई। मगर अब तक घटना का उदभेदन नहीं हो सका। इधर पत्नी सुशीला देवी ने उग्रवादी हिंसा के लाभ के लिए डीसी से गुहार लगाई। अनुकंपा पर चतुर्थवर्गीय नौकरी एवं मुआवजा की मांग की। तत्पश्चात डीसी ने एसपी से रिपोर्ट की मांगी थी। डीसी को भेजी गई रिपोर्ट में अत्यधिक नशा में कुएं में गिरने से मौत का उल्लेख है। रिपोर्ट मिलने पर जिला अनुकंपा समिति ने सुशीला के आवेदन को अस्वीकृत कर दिया। इसके बाद सुशीला ने झारखंड राज्य मानवाधिकार आयोग के कार्यकारी अध्यक्ष के पास एक शिकायत पत्र प्रेषित कर न्याय दिलाने की मांग की थी।हत्या उग्रवादियों ने की, पुलिस की
रिपोर्ट गलत: सुशीला
सुशीला ने कहा कि मेरे पति केशरी दास की हत्या उग्रवादियों ने की। लेकिन पुलिस ने गांव-घर एवं परिवार से पूछताछ के नाम पर भयादोहन कर व डरा-धमकाकर गलत रिपोर्ट तैयार कर पति की मृत्यु अत्यधिक नशा में रहने के कारण कुएं में गिरने से बताई। झूठी व गलत रिपोर्ट तैयार कर मुझे किसी तरह का सरकारी लाभ से वंचित कर दिया गया है। जो बिल्कुल असंवैधानिक एवं अलोकतांत्रिक है। पति की हत्या के बाद मुझे किसी तरह की कोई सरकारी सुविधा नही मिलने से मैं अपने तीन छोटे-छोटे बच्चो एवं वृद्ध सास व मां की परवरिस करने में बिल्कुल लाचार हूं। भुखमरी का संकट से गुजर रही हूं।
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