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Saturday, September 19, 2020

एमओ की ‌100, एजीएम की 50 रु. प्रति बोरा हिस्सेदारी 5 से 6 लाख रुपए तक हर माह होती है अवैध कमाई

साकची-गोलमुरी में पीडीएस दुकानों से बांटे जाने वाले करीब एक हजार क्विंटल चावल, गेहूंं व चीनी की बरामदगी मामले में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के मार्केटिंग अफसर (एमओ) और एजीएम की हिस्सेदारी भी सामने आ रही है। इसमें एमओ को 50 किलो चावल के बोरे व गेहूं पर सौ रुपए व एजीएम को 50 रुपए की हिस्सेदारी तय है। संजय मोहनानी व दीपक मोहनानी के गोदाम से जब्त किए चावल-गेहूं राज्य खाद्य निगम के साकची-बर्मामाइंस गोदाम से उठाव किया था।

साकची गोदाम के एजीएम केपी सिंह व बर्मामाइंस गोदाम के एजीएम जगदीश हाजरा की भूमिका भी संदिग्ध है। दोनों एजीएम का संरक्षण मोहनानी बंधुओं को मिला था। डोर स्टेप डिलीवरी के ठेकेदार मोहनानी बंधुु दोनों इनके संरक्षण में दो साल में करोड़ों के अनाज की कालाबाजारी की। एनडीए सरकार में दीपक की राजनीतिक रसूख बढ़ी थी। सीएम व तत्कालीन विभागीय मंत्री से संपर्क बनाए व इसका नतीजा था कि धड़ल्ले से कालाबाजारी करता था। सत्ता बदलने के बाद मोहनानी ने कांग्रेस के नेताओं को मैनेज किया, पर झामुमो के नेताओं पर ध्यान
नहीं दिया।

सरकारी नियम के तहत एमओ को खाद्य सामग्री की नियमित जांच करनी है

धोखाधड़ी... बचा राशन डीलर को बेच देता है पीडीएस दुकानदार

जिले के पीडीएस दुकानदारों ने फर्जी राशन कार्ड बनाया है। दुकानदार कुल आवंटन का कुछ हिस्सा खाद्य सामग्री डोर स्टेप डिलीवरी ठेकेदार को बेचते हैं। बिक्री किए खाद्य सामग्री को छोड़ बाकी का अनाज दुकान में पहुंचाया जाता है, दुकानदार कुल आवंटन प्राप्त होने का पावती ठेकेदार को देता है। दुकानदार को चावल का प्रति क्विटंल 15 सौ से 17 सौ रुपए मिलता है। अपने हिस्से का अनाज जमा हो जाता है तो ठेकेदार खुले बाजार में 19 सौ से दो हजार रुपए प्रति क्विंटल बेचते हैं।

लापरवाही...नहीं मिलाते स्टॉक ठेकेदार-दुकानदार देते हैं धोखा

सरकारी प्रावधान के मुताबिक दुकान में खाद्य सामग्री पहुंचने के बाद एमओ को खाद्य सामग्री की जांच कर सत्यापित करना है। स्टाक पंजी में हस्ताक्षर करना है, पर जिले का कोई भी एमओ इस नियम का पालन नहीं करता है। इस कारण दुकानदार लाभुकों की खाद्य सामग्री की कालाबाजारी करने में कामयाब हो जाता है। और एमओ की दुकानदारों से हर माह बंधी रकम मिलती है। पीडीएस व्यवस्था से जुड़े लोगों का कहना है -एमओ-एजीएम को प्रति माह से 5-6 लाख रुपए अवैध कमाई होती है।

बर्मामाइंस एजीएम बोले... मुझ पर लगाए आरोप बेबुनियाद

कालाबाजारी मामले में संदिग्ध साकची गोदाम के प्रभारी एजीएम केपी सिंह को फोन किया तो उनका फोन बंद मिला। बर्मामाइंस के एजीएम जगदीश हाजरा ने कहा- मुझ पर लगाए आरोप गलत है। दीपक मोहनानी बर्मामाइंस के अलावा साकची, जमशेदपुर प्रखंड परिसर, पटमदा व बहरागोड़ा गोदाम से अनाज का डोर स्टेप डिलीवरी करता है, इसलिए मुझपर किसी तरह का आरोप नहीं लगाया जाए। मामले की जांच की जा रही है। आने वाले दिनों में आरोपी पुलिस की गिरफ्त में होंगे।



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‌ ~ 100 of MO, Rs 50 of AGM. 5 to 6 lakh rupees per bora share is illegal income every month


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