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Tuesday, September 29, 2020

तीन सालों में सीएम युवा स्वरोजगार व पीएम रोजगार सृजन के सिर्फ 23% लोन स्वीकृत

जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र में लोन के लिए हर साल बड़ी संख्या में आवेदन आते हैं लेकिन लोन स्वीकृत बहुत कम हो पाते हैं। लोन के लिए आवेदक चक्कर लगाते रहते हैं। मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत उद्योग लगाने तथा व्यापार करने अनुदान पर लोन दिए जाते हैं। अक्सर आवेदनों को अस्वीकृत कर दिया जाता है जिससे वे अपना व्यापार शुरू नहीं कर पाते हैं। पिछले तीन साल के आंकड़ों के अनुसार दोनों कार्यक्रमों के तहत 596 आवेदन आए जिसमें से मात्र 138 यानी 23 प्रतिशत की प्रकरणों को स्वीकृत किया गया।
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत सर्विस सेक्टर एवं उद्योग के लिए लोन दिया जाता है। सर्विस सेक्टर में 10 लाख व उद्योग के लिए 25 लाख तक का लोन दिया जाता है। सामान्य श्रेणी में शहरी क्षेत्र में 15 प्रतिशत, ग्रामीण क्षेत्र में 25 प्रतिशत अनुदान मिलता है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, महिला, भूतपूर्व सैनिक एवं दिव्यांग में शहरी को 25 प्रतिशत तथा ग्रामीण क्षेत्र में 35 प्रतिशत अनुदान मिलता है। इस वर्ष 2020-21 में अप्रैल से सितंबर तक 62 आवेदन आए जिसमें से 17 प्रकरणों में 123.12 लाख के ही लोन स्वीकृत किए। सत्र 2019-20 में 150 आवेदन आए लेकिन सिर्फ 44 प्रकरणों में ही 230.19 लाख रूपए स्वीकृत किए गए। सत्र 2018-19 में 209 आवेदन आए जिसमे से 40 प्रकरण स्वीकृत करते 259.91 लाख लोन के रूप में दिए गए।
इसी तरह मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के तहत उद्योग लगाने 25 लाख, सर्विस सेक्टर में 10 लाख तथा व्यवसाय के लिए 2 लाख रूपए लोन दिया जाता है। सत्र 2020-21 में इस वर्ष अप्रैल से सितंबर माह तक 44 आवेदन आए लेकिन एक भी लोन प्रकरण स्वीकृत नहीं किया गया। सत्र 2019-20 में 64 आवेदन आए जिसमें 17 आवेदन स्वीकृत करते 35.05 लाख स्वीकृत किया गया। सत्र 2018-19 में 67 आवेदन आए जिसमें से 20 प्रकरण में कुल 36.50 लाख रूपए स्वीकृत किया गया। सत्र 2017-18 में 43 आवेदन आए जिसमें से 16 लोन प्रकरण स्वीकृत करते 36.20 लाख रूपए दिया गया। मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना में सब्सिडी सामान्य वर्ग को 10 प्रतिशत, पिछड़ा वर्ग को 15 प्रतिशत व एसटी एससी वर्ग को 25 प्रतिशत देने का प्रावधान है।
पहली बार में अस्वीकृत हो तो कमी पूरी कर दोबारा कर सकते हैं आवेदन : कांकेर जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र महाप्रबंधक आरसीएस ठाकुर ने कहा लोन प्रकरण स्वीकृति बैंकों द्वारा की जाती है। जिनके प्रोजेक्ट में कमी रहती है उन्हें अस्वीकृत किया जाता है। आवेदक उन कमियों को पूरा कर दोबारा आवेदन कर सकता है।

अच्छी प्रोजेक्ट रिपोर्ट से मिलता है लोन
जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र विभाग में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम व मुख्यमंत्री युवा रोजगार स्वरोजगार योजना के तहत जो भी आवेदन आते हैं उन्हें बैंकों को भेजा जाता है। आवेदक से यह भी पूछा जाता है कि वह किस बैंक से लोन लेना चाहता है। बैंक अधिकारी ही जांच पड़ताल के बाद तय करते हैं कि किन प्रकरणों को स्वीकृत करते लोन देना है। सामान्यत: जिनकी प्रोजेक्ट रिपोर्ट अच्छी होती है उन्हें ही बैंक लोन देता है।



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