वर्ष 2017 में अनुबंध पर बहाल किए गए जिले के करीब 300 सहायक पुलिस के जवान गुरुवार से विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए है।हड़ताल के पहले दिन जवानों ने काला बिल्ला लगाकर ड्यूटी का निर्वहन किया। साथ ही स्थानीय विधायक भूषण तिर्की से मिलकर ज्ञापन सौंपते हुए अपनी मांगों को रखा। इस पर विधायक ने जवानों को आश्वश्त करते हुए कहा कि उनकी मांगे जायज है। वो खुद विधानसभा सत्र के दौरान उनकी मांगों को सदन में रखेंगे।
जवानों ने कहा कि जिले के 300 सहायक पुलिस के जवान इन दिनों कई चिंताओं से गुजर रहे हैं। वर्षों से बेरोजगारी का दंश झेलने के बाद जंगलों, पहाड़ों व ग्रामीण क्षेत्रों से निकल कर आए पुलिस के जवानों का भविष्य अधर में लटका हुआ है। सहायक पुलिस में बहाल होने के बाद स्थाई किये जाने की उम्मीदों के बीच जवानों के दस हजार के अनुबंध की नौकरी 21 अगस्त को समाप्त हो चुकी है। इसके बावजूद वे अब भी ड्यूटी कर रहे हैं। इस बावत किसी भी प्रकार का सरकार की ओर से उन्हें कोई दिशा निर्देश नहीं मिला है। जिसके कारण जवानों में अनुबंध की सैलरी मिलने अथवा नही मिलने पर संशय बना हुआ है।
मांगें पूरी नहीं होने पर करेंगे सीएम आवास का घेराव
जवानों ने कहा 4 सितंबर से दो दिवसीय काला बिल्ला लगाकर कार्य करना है। वहीं सात सितंबर से सभी जवान अनिश्चित कालीन हड़ताल पर रहेंगे। इसके बावजूद सरकार उनकी मांगों को नही मानती है तो राजभवन व सीएम आवास का घेराव करेंगे। पुलिस बनने का ख्वाब लेकर बहाली होने के बाद उन्हें दस हजार रुपया प्रति माह पगार मिलता रहा है। जो महंगाई के इस दौर में पर्याप्त नहीं है। घर का खर्चा से लेकर वर्दी व जूते भी इसी पगार से पहन कर वे तीन वर्षों तक जिला पुलिस के साथ कदम से कदम मिलाकर अपने जिम्मेवारियों का निर्वहन करते रहे हैं। जबकि पच्चीस हजार से अधिक का पगार पाने वाले सरकारी पुलिस को वर्दी जूता के लिए अलग से भत्ता मिलता रहा है। पूर्व में मुख्यमंत्री व मंत्री से लेकर कई अधिकारियों के समझ अनुबंध को सरकारी करने, सभी प्रकार का भत्ता देते हुए पगार बढ़ाने आदि मांगो को लेकर आरजू मिन्नतें करते रहे हैं।
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