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ऋषि भटनागर |कोरोनाकाल में स्कूल बंद है। इस दौर में तोकापाल ब्लॉक के सिंघनपुर के प्राथमिक शाला के सहायक शिक्षक पतिराम राय ने अपनी स्कूटी को ही स्कूल बना दिया है, जिसमें आगे-पीछे वर्णमाला और गिनती के चार्ट टांग लिए हैं। इसके साथ ही पूरा संपर्क किट लेकर वे चलते हैं।
इस विकट परिस्थितियों के बावजूद बच्चों तक पहुंचकर उन्हें पढ़ा रहे हैं। जहां भी बच्चे दिखते हैं, उनकी कक्षाएं वे वहीं लगा लेते हैं। कई बार तो वे सड़क के किनारे तो कई बार पेड़ों के नीचे भी बच्चों को पढ़ाते दिख जाते हैं। शिक्षा का उजाला फैलाने का ऐसा जुनून कि वे प्राथमिक शाला के शिक्षक होने के बावजूद मोहल्ला क्लास में पहुंचकर वहां वॉलंटियर्स द्वारा बच्चों को पढ़ाने के दौरान समस्या का समाधान करने भी पहुंच जाते हैं। संकुल समन्वयक कमलूराम बताते हैं कि वे पूरे बस्तर जिले के शिक्षकों के लिए प्रेरणा बने हुए हैं। तोकापाल बीईओ बलीराम बघेल ने बताया कि शिक्षादान को लेकर उनका जुनून देखने को मिलता है।
सिंघनपुर में 4 जगह शुरू करवाई मोहल्ला क्लास
दिव्यांग शिक्षक पतिराम बताते हैं कि ऑनलाइन कक्षाओं के बाद उन्होंने गांव के ही वॉलंटियर्स को प्रेरित किया और चार जगह मोहल्ला क्लास शुरू भी करवाई। उन्होंने कहा कि जब तक स्कूल बंद हैं, वे इसी तरह बच्चों को पढ़ाते रहेंगे। कर्त्तव्य से पीछे नहीं हट सकते। तोकापाल ब्लॉक के बीआरसी अजय शर्मा बताते हैं कि दिव्यांग होने के बावजूद वे दूसरे सामान्य शिक्षकों के लिए मिसाल बने हुए हैं। वे न सिर्फ अपने गांव के माेहल्ला क्लास, बल्कि अपने घर से गांव तक जाने में जितनी भी मोहल्ला क्लास मिलती हैं, वे रुककर बच्चों को पढ़ाते देखे गए हैं।
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