झारखंड राज्य आवास बोर्ड में फैले भ्रष्टाचार की वजह से धुर्वा में कॉलोनी बनाने के लिए बोर्ड को हस्तांतरित होने वाली 306 एकड़ जमीन पर अब ग्रहण लग गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत आवास बोर्ड को मात्र 48.97 करोड़ रुपए में जमीन हस्तांतरण की तैयारी थी। इसका प्रस्ताव तैयार करके कैबिनेट की स्वीकृति के लिए भेजा जाना था, लेकिन इससे पहले ही नगर विकास विभाग के एक पदाधिकारी ने बोर्ड को जमीन हस्तांतरण करने पर आपत्ति कर दी।
जमीन हस्तांतरण करने संबंधि प्रस्ताव पर टिप्पणी करते हुए लिखा कि आवासीय एवं व्यावसायिक योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु इतने कम 48.97 करोड़ रुपए के भुगतान के आधार पर 306 एकड़ जमीन आवास बोर्ड को हस्तांतरित करने के औचित्य पर विचार करना अनिवार्य है। साथ ही पदाधिकारी ने लिखा है कि सचिव के आदेश पर बोर्ड में व्याप्त अनियमितता की जांच करने वाली विभागीय जांच समिति ने भी 26 जून 2020 को रिपोर्ट सौंपी है।
बोर्ड को जमीन हस्तांतरित करना मुश्किल
पदाधिकारी ने लिखा है कि जांच समिति की रिपोर्ट में आवास बोर्ड द्वारा सभी प्रमंडलों में नियमों की अवहेलना की गई है। जांच समिति ने भी भ्रष्टाचार एवं अनियमितताओं की पुष्टि करते हुए राज्य की किसी प्रीमियर जांच एजेंसी से जांच कराने की अनुशंसा की है। इसलिए झारखंड आवास बोर्ड को भूमि हस्तांतरण करना उचित प्रतीत नहीं होता है। अब इस टिप्पणी के बाद बोर्ड को जमीन हस्तांतरित होने की संभावना कम है।
एसीबी के डीजी बोले शिकायत के सत्यापन के बाद होगी जांच
आवास बोर्ड में फैले भ्रष्टाचार की जांच की मांग को लेकर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में भी शिकायत दर्ज कराई गई है। जितेन्द्र कुमार नामक व्यक्ति ने जांच करने की मांग की है। एसीबी ने दर्ज शिकायत का सत्यापन शुरू कर दिया है। एसीबी के पुलिस महानिदेशक नीरज सिन्हा ने बताया कि शिकायत का सत्यापन होने के बाद आगे की जांच होगी।
विभाग के अधिकारी ने लिखा
झारखंड आवास बोर्ड में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की पुष्टि हुई है प्रीमियर एजेंसी से जांच कराने की अनुशंसा की गई है, इसलिए बोर्ड को जमीन हस्तांतरित करना सही नहीं
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