
पिछले दिनों हुई भारी बारिश से नदी किनारे की बाड़ियों और खेतों में भारी नुकसान हुआ। टमाटर, सोयाबीन व अन्य सब्जी की 70 फीसदी तक फसल बर्बाद हो गई। वहीं 750 एकड़ में धान की फसल को नुकसान पहुंचा। कृषि विभाग और उद्यानिकी विभाग की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। सबसे अधिक नुकसान टमाटर की फसल को हुआ है, जबकि दुर्ग के धमधा क्षेत्र में ली जाने वाली टमाटर की फसल की सप्लाई देश से लेकर विदेशों तक है। पिछले दिनों तीन दिन में इतनी ज्यादा बारिश हुई कि नदी किनारे की बाड़ियों और खेतों में एक सप्ताह तक पानी भरा रहा। पानी निकलने के बाद विभाग ने प्रारंभिक सर्वे रिपोर्ट बनाई है।
इस रिपोर्ट में नदी किनारे के 30 गावों की 450 किसानों को नुकसान पहुंचा है। यहां के बीमित किसानों ने कृषि विभाग को अपनी फसल नुकसान होने की सूचना दी है। इसी तरह उद्यानिकी विभाग ने आरबीसी योजना के तहत गैर बीमित किसानों के फसल क्षति की रिपोर्ट बनाई है। सब्जियों के लिए राजस्व विभाग, उद्यानिकी और गांव के पटवारी की टीम बनाई है। इस रिपोर्ट में उद्यानिकी विभाग द्वारा सब्जी के 179 बीमित किसानों को भी शामिल किया गया है।
जानिए, किसानों की जुबानी...टमाटर की फसल सबसे ज्यादा खराब हुई
केस-1: पेड्री के किसान मनहरण ने खेतों में लगे 5.625 एकड़ में लगा सोयाबीन फसल पूरी तरह बर्बाद हो गया है। इसी तरह यहां के सुखीराम ने अपने खेते के 3.95 एकड़ में सोयाबीन लगाया था वह नहीं बचा। टीकाराम का 13 एकड़ में लगा सोयाबीन फसल खराब हो गया है।
केस-2: खोमका गांव के किसान हेमलाल ने 8.925 एकड़ में सोयाबीन फसल ली थी। यहीं के किसान घनाराम का साढ़े 8 एकड़ सोयाबीन नष्ट हो गया। शशिकांत का 5 एकड़ और संतोष कुमार का 2 एकड़ की फसल बारिश की वजह से नष्ट हो गई है।
केस-3: कन्हारपुरी गांव के किसान भोजराम का 1.25 एकड़ में लगा सोयाबीन बारिश में बह गया। प्रेमलाल के खेत का 3.75 एकड़ में लगा सोयाबीन नहीं बच पाया। मेहतर राम का 1.5 एकड़ और राधेश्याम का 1.25 एकड़ फसल नष्ट हो गया है।
360 एकड़ टमाटर हो गई खराब
बारिश ने 244 किसानों का करीब 550 एकड़ सब्जी फसल चौपट कर दी। इसमें 70 प्रतिशत टमाटर और शेष 30 प्रतिशत करेला ,भिंडी, गोभी, केला जैसी सब्जियां खराब हुई है। इनमें पथरिया, महमरा, चंगोरी,जेवरासिरसा, भेड़सर, मालूद, बेलोदी, भरदा कोनारी, कौही, ओदरागहन, केसरा , करंजाभिलाई, झेंझरी, सगनी, परसुली, सिली, खिलौराकला, तुमाखुर्द, अछोटी व अन्य गांव शामिल हैं।
पहली बार लगाया सोयाबीन, बर्बाद
रिपोर्ट के मुताबिक कई किसान ऐसे हैं, जिन्होंने पहली बार सोयाबीन की फसल ली। बारिश के चलते उन्हें नुकसान पहुंचा। ये दोनों की 70 प्रतिशत फसलें बारिश की भेंट चढ़ गई। सोयाबीन लिटिया, पेंड्री ख, पेंड्री क, खोमका, सहित आसपास की नदी किनारे के गांव सर्वाधिक खराब हुए हैं। सोयाबीन के लिए धमधा क्षेत्र के 71 किसानों का 300 एकड़ की फसल बर्बाद होने की रिपोर्ट तैयार की गई है।
सिंचित में 13,500 व असिंचित में 6800 मिलेगी क्षतिपूर्ति
आरबीसी योजना के तहत जिन किसानों का बीमा नहीं है और जिनका बीमा है दोनों को मुआवजा मिल सकेगा। सिंचित भूमि में प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 13500 रुपये अधिकतम और असिंचित भूमि में प्रति हेक्टेयर अधिकतम 6800 रुपये के हिसाब से क्षतिपूर्ति दी जाएगी। इसी तरह सब्जी उत्पादक किसानों को भी इसी तरह फायदा मिलेगा। बीमा वाले किसानों ने जितने का बीमा करवाया है और किश्त दिया है उस हिसाब से नुकसान का आंकलन कर भुगतान करेंगे।
प्रकरण तैयार, आरबीसी योजना के तहत दिया जाएगा मुआवजा
सब्जी उत्पादक किसानों के नुकसान का प्रकरण तैयार कर लिया गया है। यह संख्या और भी बढ़ेगी। आरबीसी योजना के तहत मुआवजा उन्हें प्रशासन द्वारा दिया जाएगा। -सुरेश कुमार ठाकुर, उपसंचालक उद्यानिकी
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