जन्म के बाद जिस बेटी को एक मां झाड़ियों में छोड़कर चली गई थी, उस बेटी की जिंदगी डॉक्टर भी नहीं बचा सके और जब डाॅक्टरों ने चाइल्ड लाइन के कर्मचारियों के हवाले दुधमुंही बच्ची का शव उनके हवाले अंतिम संस्कार के लिए किया तो डाॅक्टरों के साथ चाइल्ड लाइन के कर्मियों की आंखे भर आईं।
चाइल्ड लाइन की फुलेश्वरी राजवाड़े ने कहा कि अंतिम संस्कार के दौरान उनका हिम्मत जवाब दे रहा था और पांव कांप गए, लेकिन आखिर उस बच्ची को जन्म देने वाली मां को इतनी दुस्साहस कहां से आ गया। लखनपुर ब्लाॅक के बेलदगी गांव में झाड़ियों के बीच लावारिस हालत में मिली नवजात बच्ची ने सोमवार दोपहर को जिला अस्पताल के डाॅक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद दम तोड़ दिया। उक्त नवजात बच्ची को गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया था, इस दौरान उसकी देखभाल में डाॅक्टरों के अलावा चाइल्ड लाइन के कार्यकर्ता भी लगातार लगे हुए थे।
मौत के बाद उक्त बच्ची के शव को चाइल्ड लाइन उदयपुर के अनिल कुमार हरदहा, अनिल कुमार मिश्रा, अमृत प्रधान व फुलेश्वरी राजवाड़े ने दफनाकर अंतिम संस्कार अंबिकापुर मुक्तिधाम में पूरा किया। बच्ची की जान नहीं बच पाने का सभी को अफसोस है।
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