लोकसभा के मानसून सत्र में किसानों के हितों में तीन बिल पारित हुए हैं। कृषि से जुड़े इन तीन अहम विधेयकों पर राजनीति गरमा गई है। पंजाब से लेकर महाराष्ट्र तक कई दल इसका विरोध कर रहे हैं। प्रदेश के भाजपा नेता नंदकुमार साय ने भी इस बिल पर अपनी सरकार से असहमति जताई है। उनका कहना है कि वे इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से बात करेंगे।
नंद कुमार साय ने कहा कि किसानों को यह भी डर है की नए कानून के बाद एमएसपी पर फसलों की खरीद सरकार बंद कर देगी। दरअसल, कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक 2020 में इस संबंध में कोई व्याख्या नहीं है कि मंडी के बाहर जो खरीद होगी वह न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे के भाव पर होने से किसानों में डर है। उन्हाेंने यह बयान मिशन स्वराज मंच के बैनर तले आयोजित एक वर्चुअल चर्चा के दौरान कही। मिशन स्वराज मंच ने 26 सितंबर को किसान एवं सरकारी नीति विषय पर एक वर्चुअल चर्चा का आयोजन कराया था। जिसमें देश के कई हस्तियां शामिल थे।
नंदकुमार साय ने जोर देकर कहा कि वे भी किसान हैं और किसानों के हित के लिए सरकार से बात करेंगे। उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि जो किसान अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं उनकी मांगें नए कृषि बिल में शामिल हो। हमेशा किसान ही हितों आए वंचित रह जाता है। उन्होंने पूछा कि जब किसान के घर आलू होता है तो 5 रुपए किलो बिकता है लेकिन जैसे ही वह चिप्स बनकर पैकेट में आता है 5 रुपए का एक आलू बन जाता है।
जशपुर जिले के पत्थलगांव के टमाटर उत्पादक क्षेत्र में शुरू से उनके उत्पाद को उचित मूल्य दिलाने और टमाटर से सॉस बनाकर किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए संघर्ष करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि अटल सरकार के समय उन्होंने इस पर काम किया था और टमाटर उत्पादक किसानों को इसका लाभ भी मिला था।
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