दंतेवाड़ा ब्लाॅक के मोलसनार ग्राम पंचायत में शौचालय बनाने के नाम पर ग्राम पंचायत ने लाखों रुपए खर्च किए, फिर भी सभी शौचालय का काम अधूरा ही हुआ है। इसके चलते पंचायत के 300 परिवार आज भी खुले में शौच जाने को मजबूर हैं।
दरअसल ग्राम पंचायत द्वारा प्रत्येक परिवार के लिए रेडीमेड रेंडम स्ट्रक्चर के शौचालय ग्राम पंचायत द्वारा मंगवाए गए थे। ग्राम पंचायत द्वारा 100 के करीब स्ट्रेक्चर वाले शौचालय गांव में लगाए गए थे, वह भी अधूरे हैं। किसी में दरवाजा नहीं लगाया तो किसी में सेप्टिक टैंक नहीं बनाया, जिसके चलते ये उपयोग में नहीं आ सके। मोलसनार में पूरे गांव के लिए रेडीमेड रेंडम स्ट्रक्चर के शौचालय मंगाए गए थे, जो कुछ घरों में लकड़ी और बल्लियों के सहारे आधे-अधूरे खड़े हैं। एक स्ट्रक्चर की कीमत 10 हजार बताई जा रही है। गांव को ओडीएफ बनाने ग्राम पंचायत ने 25 से 30 लाख रुपए खर्च कर डाले हैं फिर भी शौचालय का काम अधूरा हुआ है और गांव ओडीएफ बन चुका है।
जानकारी होने के बाद भी अफसर नहीं ले रहे सुध
मोलसनार ग्राम पंचायत के लक्ष्मण, पोदिया, लखमा, सुक्खू ने बताया मोलसनार ग्राम पंचायत में 7 पारा में 300 परिवार रहते हैं। गांव में 100 के करीब शौचालय बने हैं, लेकिन सभी अधूरे हैं। सभी परिवार के लोग खुले में ही शौच जाते हैं। ग्रामीणों की मानें तो शौचालय अधूरे होने की जानकारी जनपद के अधिकारियों को भी है, लेकिन निर्माण पूरा करने अधिकारी दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। दंतेवाड़ा जिला खुले में शौच मुक्त हो चुका है और इसके लिए जिले को ओडीएफ का पुरस्कार भी मिल चुका है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है।
जानकारी लेकर शौचालय का काम पूरा कराएंगे
दंतेवाड़ा जनपद सीईओ अमित भाटिया ने बताया कि मोलसनार में शौचालय निर्माण का कार्य मेरे पदस्थापना अवधि का नहीं है। सचिव से जानकारी लेकर शौचालय का काम पूरा करवाया जाएगा।
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