झलमला, दीयाबाती सहित अन्य स्थानों में लगभग 24 हेक्टेयर में गेंदा सहित अन्य फूलों की खेती हो रही है। कोरोनाकाल के बाद भी फूलों की खेती करने वालों को आमदनी प्राप्त हो रही है, क्योंकि धार्मिक स्थलों व अन्य कार्यक्रम के लिए मांग आ रही है।
नवरात्र के बाद अब दीपावली के लिए गेंदा फूल की मांग दूसरे शहरों से आ रही है। विभाग व किसानों के अनुसार कोलकाता, हैदराबाद, भिलाई, धमतरी सहित अन्य जिलों से डिमांड आ चुकी है। दीपावली के पहले बसों के माध्यम से फूलों को पैकिंग कर भेजा जाएगा। नवरात्र पर गेंदा फूल प्रति किलो 50-60 रु. में बिका। पिछले साल दीपावली में 100-120 रु. में बिका था। इस बार हालात अनुसार रेट तय होने की बातें कही जा रही है।
8 साल से खेती, लोकल व धमतरी के व्यापारियों को हर साल सप्लाई: झलमला के किसान युवराज पटेल ने बताया कि 8 साल से गेंदा फूल की खेती कर रहे हैं। पहली बार दीपावली के पहले फूल निकल आया है। धमतरी के व्यापारी ने डिमांड की है। बालोद, दल्लीराजहरा, गुरुर, सोहपुर सहित आसपास इलाकों के व्यापारी भी संपर्क कर रहे हैं। चौक-चौराहों में पिछले साल दीपावली के दौरान 25 हजार रुपए तक कारोबार हुआ था। सालाना 30-35 हजार रुपए तक मुनाफा हो जाता है। चिल्हर ग्राहक भी खेत में पहुंचते हैं। जिसे तत्काल उपलब्ध कराते हैं। गंगा मैया मंदिर में हर साल हार बनाने का ऑर्डर मिलता है।
कोरोना का प्रभाव पड़ा लेकिन आमदनी हो रही
किसान पटेल ने बताया कि कोरोना काल का प्रभाव पड़ा है लेकिन ज्यादा नहीं, रोजाना आमदनी हो रही है। सीजन में गेंदा फूल के दाम 50-60 रुपए किलो व सामान्य दिनों में 30-35 रुपए हो जाता है। दीपावली में मांग ज्यादा रहती है इसलिए रेट बढ़ता है।
घर की बाड़ी में गेंदे का फूल लगा कर रहे व्यापार
रोजाना फूल बेचने वाले व्यापारी भी अपने घर की बाड़ी में गेंदा लगाए हैं, ताकि घर से ही आमदानी प्राप्त हो सके। बालोद के व्यापारी देवेंद्र नायडू ने बताया कि पहले नवरात्र पर हार बनाने के लिए लोगों की ओर से डिमांड आती थी लेकिन इस बार यह स्थिति नहीं है।
फूलों की खेती से ज्यादा मुनाफा: सहायक संचालक
कृषि विभाग के सहायक संचालक एसएन ताम्रकार ने बताया कि नवरात्र हो या दीपावली कोलकाता में फूलों की मांग ज्यादा रहती है। यहां से वहां सप्लाई होती है। फूलों की खेती कर किसान ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं। उद्यानिकी विभाग की सहायक संचालक आकांक्षा सिन्हा ने बताया कि गेंदा फूल की सप्लाई हर साल कोलकाता व हैदराबाद तक होती है।
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