कालादेव गांव में पत्थर मार दशहरे का आयोजन प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी किया गया। इस दौरान सैकड़ो दर्शक हर बार की तरह आए। लेकिन सोशल डिस्टेंस मैदान तक पहुंचने के लिए बेरिकेडिंग तक नहीं थी। लटेरी के एसडीएम तन्मय वर्मा ने बताया कि सरपंच सहित ग्रामीण जनों से 8 दिन पूर्व मिलकर राय बनी थी कि भव्य आयोजन नहीं होगा। लेकिन आसपास के ग्रामीण जन पहुंचे।
उनकी धार्मिक भावनाओं को कंट्रोल नहीं किया जा सकता। बाकी तहसीलदार सरोज परिहार, आरआई और पुलिस प्रशासन व्यवस्था संभाले हुए थे। दर्शक अधिक थे यह जानकारी मुझे आप से मिली है। बाकी समय मेरे पास रिपोर्टिंग स्टाफ द्वारा होती रही है। फिर भी मैं इस पूरे मामले को दिखवाता हूं।
राम की सेना को नहीं लगा एक भी पत्थर

यहां पर एक तरफ राम की सेना तो दूसरी ओर भील बंजारे रावण की सेना में सम्मिलित होने के लिए आए थे। भीलों ने गोफन से राम की सेना पर लगातार दो घंटे तक पत्थर मारे। इसमें पत्थरों का वजन लगभग 200 ग्राम से 500 ग्राम के बीच था स्थानीय ग्रामीण बीच मैदान में लगे हुए ध्वज के चारों ओर परिक्रमा करते रहे लेकिन राम की सेना के किसी भी सैनिक को रावण सेना की ओर से फेंके गए पत्थर नहीं लग सके।
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