बलरामपुर जिला गठन के बाद बलरामपुर जिला मुख्यालय में जिला सत्र न्यायालय का संचालन नहीं किया जा रहा है। यहां 8 साल से संचालित व्यवहार न्यायालय में भी अधिवक्ताओं और लोगों को कई तरह की परेशानी हो रही है।
सबसे बड़ी बात तो यह है कि नए व्यवहार न्यायालय भवन निर्माण के लिए स्थल का चयन नहीं हो सका है। इसके कारण जनपद के जर्जर ट्रेनिंग सेंटर भवन में कोर्ट का संचालन करना पड़ रहा है। बारिश होने पर पानी अंदर रिसने लगता है, इसलिए छत के ऊपर प्लास्टिक लगानी पड़ी। जिले में 2013 में व्यवहार न्यायालय की घोषणा की गई थी। इसके बाद यहां व्याप्त परेशानियों को दूर करने वकीलों ने कलेक्टर को ज्ञापन दिया था। इसके बाद भी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। बता दें कि बलरामपुर में सही बिल्डिंग और पर्याप्त सुविधाओं के अभाव में जिला सत्र न्यायालय का संचालन नहीं कर रामनुजगंज में किया जा रहा है। इसके कारण जिला के राजपुर ब्लाॅक के लोगों को 85 किलोमीटर लंबी दूरी तय कर अदालत पहुंचना पड़ता है। शुरुआती दिनों में बलरामपुर व्यवहार न्यायालय के लिए स्थाई न्यायाधीशों की पदस्थापना की गई, लेकिन अब रामानुजगंज के जज ही एडिशनल चार्ज संभाल रहे हैं। इस व्यवहार न्यायालय कैंपस में एक कैंटीन तक नहीं है और न ही वकीलों के बैठने के लिए वेटिंग रूम है। भवन के अंदर 15-20 पंखे हैं, लेकिन वे भी खराब पड़े हुए हैं। समस्याओं के कारण ही अब व्यवहार न्यायालय की जगह अब लिंक कोर्ट लग रहा है। यहां न्यायाधीश सिर्फ सोम, मंगल और बुधवार को ही 2 बजे के बाद आते हैं। व्यवहार न्यायालय के सिर्फ 3 दिन कोर्ट लगने से लोग परेशान हैं।
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