गीदम-गुमड़ा जाने वाले रास्ते से जावंगा की ओर जाने वाली सड़क अब तक लॉक है। इसे अब तक खोला नहीं गया है। लॉकडाउन के दौरान बाहरी लोगों के प्रवेश को रोकने के लिए ग्रामीणों ने इस सड़क को गिट्टी, मिट्टी डालकर बाधित किया था। अनलॉक हुए 10 दिन से ज्यादा बीत गया लेकिन गंभीर बात ये है कि अब तक सड़क पर से गिट्टी व मिट्टी के ढेर को हटाया नहीं गया है।
दोपहिया वाहन तो किनारे के रास्ते से निकल जा रहे हैं लेकिन चारपहिया वाहन के लिए रास्ता अब तक पूरी तरह बंद है। जावंगा गांव का भट्टीपारा पूरी तरह सील हुआ पड़ा है। गीदम-गुमड़ा ही नहीं बल्कि गीदम-जगदलपुर मार्ग की ओर से भी इस पारा व गांव तक आने वाला रास्ता इसी तरह अब तक सील है।
इस इलाके का कोई भी ग्रामीण अगर अचानक बीमार पड़ जाए या अन्य किसी तरह का इमरजेंसी केस हो तो चारपहिया वाहन यहां तक नहीं पहुंच पाएगा। इससे ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। रास्ता अब तक जाम होने से कई लोग खफा हैं। दरअसल कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच दंतेवाड़ा की कई ग्राम पंचायतों ने अपने-अपने गांवो की सीमा को सील किया था। इसके लिए तरह-तरह के
तरीके अपनाए थे।
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