प्रदेश में वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) की चोरी के इंटेलीजेंस महानिदेशालय ने कोयले पर लिए जाने वाले फर्जी जीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट रैकेट के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। दरअसल इस रैकेट को रायगढ़ के राकेश शर्मा और उनके सलाहकार नरेश इसरानी ने कई फर्जी फर्में बनाकर अंजाम दिया। सिर्फ कागजों पर कोयले का व्यवसाय किया गया। इसमें करीब 230 करोड़ रुपए के तो केवल फर्जी बिल जारी किए गए। इसमें लगभग 38 करोड़ रुपए की कर चोरी की गई है। जांच के दौरान यह पाया गया कि राकेश शर्मा ने 3 फर्जी फर्मों का निर्माण किया है। नरेश इसरानी ने 15 से अधिक कंपनियां बना रखी हैं। रायपुर जीएसटी इंटेलिजेंस के अधिकारियों द्वारा शुक्रवार को दोनों व्यक्तियों को गिरफ्तार कर रायपुर कोर्ट में पेश किया।
वहां से दोनों को 14 दिनों के लिए जेल भेज दिया गया। इस मामले में अभी तक लगभग 9 करोड़ रुपए जीएसटी की वसूली की जा चुकी है।
"किसी भी रूप में शासन को कर हानि पहुंचाने वाले घोटालेबाजों को बख्शा नहीं जाएगा। उनके खिलाफ आने वाले दिनों में और भी सख्त मुहिम चलाई जाएगी।"
- अजय कुमार पाण्डेय, अतिरिक्त महानिदेशक, जीएसटी इंटेलिजेंस रायपुर जोनल इकाई
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