शहर सीमा से 17 किमी दूर माचकोट एरिया के तिरिया में पुलिस ने नया पुलिस कैंप खोल दिया है। तिरिया में ही नगरनार स्टील प्लांट में पानी सप्लाई के लिए इंटेकवेल भी बनाया गया है और इस इलाके में हाल के कुछ समय में नक्सली हलचल बढ़ी थी। नक्सली इलाके में माचकोट एसओएस(लोकल आर्गेनाइजेशन स्क्वायड) को एक्टिव करने में लगे हैं। इसी बीच स्थिति को भांपते हुए पुलिस ने यहां पहले ही पुलिस कैंप खोल दिया है और अब इलाके में जवानों ने नियमित गश्त शुरू कर दी है। इस कैंप में डीआरजी, एसटीएफ और नगरनार थाने के स्टाफ को तैनात किया गया है और इलाके के सुरक्षा की जिम्मेदारी अब इन्हीं जवानों के कंधों पर है।
बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि नए पुलिस कैंप के खुलने से जनता की सुरक्षा के साथ-साथ आसपास के क्षेत्र के ग्रामीणों को अन्य मूलभूत सुविधाएं प्राप्त होंगी। बस्तर पुलिस द्वारा शासन के मंशानुरूप विश्वास-विकास-सुरक्षा की त्रिवेणी कार्ययोजना के तहत कार्य किया जा रहा है जिससे दूरस्थ वनांचल क्षेत्र में शासन और स्थानीय प्रशासन की विभिन्न योजना और विकास कार्य से लाभान्वित हो सके। बस्तर एसपी दीपक झा ने बताया कि हमने कैंप खोल दिया है। इस कैंप के खुलने से नक्सली तो बैकफुट में जाएंगे ही साथ ही साथ इलाके में विकास के नए दरवाजे खुलेंगे। उन्होंने बताया कि यहां सुरक्षा के साथ-साथ सिविक एक्शन प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं जिसमें इलाके के दीगर विभागों के अफसर भी शामिल हो रहे हैं और सीधे लोगों की समस्या सुन उनके समाधान पर काम कर रहे हैं।
नक्सलियों ने की थी ग्रामीण की हत्या, इधर जवानों ने मुठभेड़ में 7 नक्सलियों को हाल ही में मारा था
हाल ही में तिरिया में एक नक्सली मुठभेड़ में जवानों ने 7 नक्सलियों को मार गिराया था। इस बीच नक्सलियों ने तिरिया से सटे इलाके में ही एक ग्रामीण की हत्या कर दी थी। लगातार इलाके में नक्सल गतिविधियों को देखते हुए यहां पुलिस कैंप की स्थापना भी कर दी गई है। यह इलाका नक्सलियों के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी इलाके से नक्सली ओडिशा जाते हैं। बॉर्डर एरिया होने के साथ-साथ यह पूरा इलाका घने जंगलों से घिरा है। ओडिशा बॉर्डर के अलावा यह पूरा इलाका दरभा से सटा हुआ भी है। ऐसे में नक्सलियों के यह सुरक्षित पनाहगाह माना जाता रहा है। हाल के वर्षों में नक्सली बॉर्डर क्रॉस करने के लिए इसी इलाके के रास्तों का प्रयोग करने लगे थे। पुलिस ने 7 नक्सलियों को मार गिराया था वे भी बॉर्डर पार करने के दौरान तिरिया में रुके थे।
हाल ही में नक्सलियों ने जोगा को दी थी जिम्मेदारी
माचकोट का इलाका नक्सलियों के लिए हमेशा से सुरक्षित रहा और नक्सलियों ने अपना माचकोट एलओएस भी बना लिया था। इस बीच एलओएस के नेता शंकर के सरेंडर के बाद नक्सलियों की पकड़ यहां ढीली हो गई थी, लेकिन एनएमडीसी स्टील प्लांट के इंटेकवेल बनने की शुरुआत होने के बाद नक्सली दोबारा से यहां अपनी पैठ जमाने में जुटे थे। हाल ही में नक्सलियों ने इस एलओएस की कमान जोगा को दी है। जोगा लगातार इलाके में सक्रिय होकर काम कर रहा है।
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