चार दिवसीय छठ महापर्व की बुधवार को नहाय खाय के साथ शुरूआत होगी। छठ पूजा के लिए मंगलवार को कलेक्टर डॉ. एस भारतीदासन ने दिशा निर्देश जारी किए। इधर, छठ महापर्व आयोजन समिति ने भी लोगों से घर में ही पूजा करने और शासन के नियमों का पालन करने की अपील की है।
महादेव घाट समिति के अध्यक्ष राजेश सिंह ने प्रेस वार्ता में बताया कि इस वर्ष 18 से 21 नवंबर तक कोरोना महामारी के बीच महापर्व मनाया जाना है। इसमें बुधवार को नहाय-खाय, गुरुवार को लोहंडा-खरना, संध्या अर्घ्य शुक्रवार और उषा अर्घ्य शनिवार को होगा। इसके चलते व्रती घर पर ही पूजा करके विश्व को कोरोना से मुक्ति दिलाने भगवान सूर्य और छठी मैया से प्रार्थना करेंगे। इस सिलसिले में समिति की बैठक रविवार को हुई थी जिसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि महादेवघाट पर पूजा नहीं की जाएगी। यह भी तय हुआ कि सांस्कृतिक कार्यक्रम और भंडारे का आयोजन नहीं किया जाएगा। घाट और तालाबों में व्रती अपने जवाबदारी पर पूजा करेंगे। व्रती नदी, तालाब और जलाशयों में पूजा करते है। इसके चलते समिति ने संध्या और उषा अर्घ्य के लिए व्रतियों से अपने घर के आसपास छोटे जलाशय बनाकर पूजा करने की अपील की है। ताकि संक्रमण काे नियंत्रित किया जा सके। इस दौरान राजेश कुमार सिंह, रविंद्र सिंह, विपिन सिंह, सुनील सिंह, रामकुमार सिंह, जयंत सिंह आदि मौजूद रहे।
कलेक्टर ने जारी किया आदेश
कलेक्टर ने छठ पूजा मनाने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए है। इसमें पूजा स्थलों पर केवल पूजा करने वाले व्यक्ति को ही जाना है। अनावश्यक भीड़ न हो इसकी जिम्मेदारी आयोजन समिति की होगी। फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन, मास्क और सेनिटाइजर का उपयोग करना आवश्यक होगा। पूजा में किसी प्रकार से जुलूस, सभा, रैली और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन नहीं किया जा सकेगा। पूजा स्थलों में पान, गुटखा खाना और थूकना प्रतिबंधित रहेगा। पूजा में सुबह 6 से सुबह 8 बजे तक ही ग्रीन पटाखे फोड़ने की अनुमति होगी। पूजा स्थलों में कोई बाजार, मेला, दुकान लगाने की अनुमति नहीं होगी। लाउडस्पीकर और डीजे नहीं चलाएं जाएंगे। वहां छोटे बच्चों और बुजुर्गों को जाने की अनुमति नहीं होगी। साथ ही गहरे पानी में उतरकर पूजा करने की अनुमति नहीं होगी।
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