चार दिवसीय छठ महापर्व की नहाय खाय के साथ बुधवार को शुरुआत हो गई। छठ महापर्व आयोजन समिति महादेव घाट के सदस्य नगर निगम के साथ सफाई में अपना योगदान दे रहे हैं। इस दौरान समिति के सभी सदस्यों ने महादेव घाट की सफाई की। गुरुवार को लोहंडा और खरना होगा। इस दिन घराें में रोटी, शक्कर और गुड़ की खीर बनाई जाती है। इसे शाम को प्रसाद के रूप में बांटा जाता है। अगले दिन संध्या अर्घ्य दिया जाएगा। इसके बाद सुबह अर्घ्य देने के साथ महापर्व का समापन होगा। समिति के अध्यक्ष राजेश सिंह ने बताया कि छठ महापर्व स्वच्छता का सबसे बड़ा प्रतीक है। इस पर्व में शुद्ध प्रसाद बनाया जाता है। इसे सूर्य भगवान को भोग लगाया जाता है। लोग सड़क और घरों की सफाई करते हैं। छठ पर्व को षष्ठी पूजा और सूर्य षष्ठी व्रत के नाम से भी जाना जाता है। यह कार्तिक शुक्ल पक्ष के षष्ठी को मनाया जाने वाला पर्व है।
सफाई में समिति के अध्यक्ष राजेश सिंह, विपिन सिंह, परमानंद सिंह, रविंद्र सिंह, पंकज अग्रवाल, वेदनारायण सिंह, रविंद्र शर्मा, संजय तिवारी, अमलेश कुमार, गोरख, रविकांत, अजय शर्मा, पंकज चौधरी, अजित उपाध्याय, संजय सिंह, मनोज सिंह और रंजीत मिश्रा ने योगदान दिया।
छठ महापर्व आयोजन समिति महादेव घाट के अध्यक्ष राजेश कुमार सिंह ने कोरोना महामारी के चलते लोगों को अपने घर पर ही छठ मनाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी को रोकने में शासन और जिला प्रशासन का सहयोग करें। इस वर्ष व्रती घर पर ही छठ पूजा मनाएं और छत्तीसगढ़, देश और विश्व को कोरोना से मुक्ति दिलाने के लिए भगवान सूर्य और छठी मैया से प्रार्थना करें।
समिति इस वर्ष छठ पूजा पर सांस्कृतिक कार्यक्रम और भंडारे का आयोजन नहीं करेगी। महादेव घाट और शहर के तालाबों के किनारे जो भी व्रती पूजा करेंगे, अपनी स्वयं की जवाबदारी पर करेंगे। इसके साथ ही समिति ने व्रतियों को अपने घरों के आसपास पानी की सगरी बनाकर संध्या और उषा अर्घ्य देने की अपील की। ताकि कोरोना महामारी को रोका जा सके। समिति कोरोना के खिलाफ प्रशासन हर संभव सहयोग देने के लिए तैयार है।
विधायक विकास ने पूजा स्थलों का किया निरीक्षण
छठ पूजा को लेकर बुधवार को विधायक विकास उपाध्याय ने पूजा स्थल के तालाबों और घाट का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने सभी व्रतियों से कोरोना के बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील की है। छठ पूजा का प्रारंभ दो दिन पूर्व चतुर्थी तिथि को नहाय खाय से होता है, फिर पंचमी को लोहंडा और खरना होता है। उसके बाद षष्ठी तिथि को छठ पूजा होती है, जिसमें सूर्य देव को शाम का अर्घ्य अर्पित किया जाता है। इसके बाद अगले दिन सप्तमी को सूर्योदय के समय में उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं और पारण करके व्रत को पूरा किया जाता है। उन्होने मंगलवार को खमतराई तालाब, मच्छी तालाब, नया तालाब, आमातालाब, महादेवघाट रायपुरा का निरीक्षण किया था।
सीएम ने की कोरोना गाइडलाइन का पालन करने की अपील
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों से कोरोना प्रोटोकॉल और केंद्र सरकार की गाइडलाइन का पालन करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि छठ पर्व मनाते समय भीड़-भाड़ से बचने का प्रयास किया जाए। छठ पूजा में किसी प्रकार के जुलूस, सभा, रैली, सांस्कृतिक कार्यक्रम पर प्रतिबंध लगाया गया है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3f9mpHq
No comments:
Post a Comment