कोरोना संक्रमण ने सबसे अधिक शिक्षा तंत्र को प्रभावित किया है। स्कूल बंद होने से ऑनलाइन क्लासों के साथ जोर शोर से मोहल्ला क्लासें भी शुरू की गईं थीं। कांकेर जिले में सितंबर माह से मोहल्ला क्लासें शुरू कीं गईं। अक्टूबर माह में मोहल्ला क्लासों में छात्रों तथा शिक्षकों की संख्या में बढ़ोतरी होने से लगने लगा था यह अच्छा विकल्प है। लेकिन नवंबर आते आते मोहल्ला क्लासेस दम तोड़ने लगीं है। अब तेजी से जिले में मोहल्ला क्लासों में छात्रों तथा शिक्षकों की संख्या घट रही है। कोरोना के बढ़ते संक्रमण की वजह से स्थानीय लोग भी विरोध कर रहे हैं जिसके चलते बहुत सी मोहल्ला क्लासों में ताले भी लग गए हैं।
मार्च महीने में कोरोना का प्रभाव बढ़ते ही पूरे देश में लॉकडाउन लगने के साथ ही जिले में भी स्कूल कालेजों में ताले जड़ गए। लॉकडाउन समाप्त होते ही ऑनलाइन क्लासें शुरू की गई। सितंबर माह से जिले में ऑनलाइन के साथ साथ सरकारी स्कूलों के लिए मोहल्ला क्लासें शुरू कीं गईं। इसमें शिक्षक स्कूल परिसर, गांव के सांस्कृतिक भवन, रंगमंच या किसी घर के आंगन में कुछ बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते पढ़ाने लगे। बच्चों ने भी मोहल्ला क्लासों में रूचि दिखाई जिसके चलते सितंबर के बाद अक्टूबर माह में जिले में मोहल्ला क्लासों में छात्रों की उपस्थिति में 15 प्रतिशत तक बढ़ोतरी दर्ज की गई। यही नहीं छात्रों की संख्या बढऩे के साथ शिक्षकों की संख्या में भी इजाफा हुआ। इसी बीच अक्टूबर माह में जिले में कोरोना संक्रमण अपने चरम पर पहुंचा तथा रोजाना औसतन 70 से 100 संक्रमित मिलने लगे। यही मोहल्ला क्लासों के विरोध का बड़ा कारण बना।
पालकों की सहमति लेकर शुरू कराई जाएगी मोहल्ला क्लास : मोहल्ला क्लास के नोडल अधिकारी दिनेश नाग ने कहा मोहल्ला क्लास अभी कई जगह पर बंद पड़ी है। अब कोरोना संक्रमण कम हुआ है। पालकों की सहमति लेकर फिर शुरू कराया जाएगा।
1.23 लाख ने कराया था पंजीयन, पहुंचे आधे से भी कम : कांसेप्ट जब आया तो जिले में 1.23 लाख छात्रों ने पंजीयन कराया था। पहले माह में 35 प्रतिशत उपस्थिति तथा अगले माह 50% तक उपस्थित आने से लगने लगा था कि यह कांसेप्ट सफल हो जाएगा। लेकिन तीसरे ही महीने से यह कांसेप्ट दम तोडऩे लगा है
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/33ldUED
No comments:
Post a Comment