परलकोट क्षेत्र में मत्स्य विभाग में तालाब खनन के नाम भ्रष्टाचार रूकने का नाम नहीं ले रहा है। मत्स्य विभाग में घोटाला विभाग के अफसरों तथा दलालों की मिलीभगत से हो रहा है। यही कारण है की दलालों के खिलाफ शिकायतें मिलने के बावजूद विभाग कार्रवाई नहीं करता है। नए मामले में ग्राम डोटोमेटा की महिला सियाबाई कोर्राम के नाम से तालाब खनन करने दलाल जीवन कुमार ने 1.68 लाख रुपए की राशि का चेक विभाग से लिया और पुरी राशि हजम कर ली। महिला को भनक तक नहीं लगी।
पखांजूर डोटोमेटा निवासी सियाबाई कोर्राम के नाम से तालाब खनन स्वीकृत हुआ था। आठ महीने पहले मत्स्य विभाग से 1.68 लाख का चेक उक्त महिला के नाम से जारी हुआ। मत्सय विभाग के अफसरों ने उक्त चेक महिला को नहीं देते आपसी सांठगांठ के चलते दलाल जीवन कुमार को दे दिया। दलाल ने षडय़ंत्र पूर्वक महिला का खाता पखांजूर में नहीं खुलवा भानुप्रतापपुर के बैंक में खुलवाया तथा एटीएम जारी करा लिया। एटीएम महिला को नहीं देकर स्वयं रख लिया। इसके बाद विभाग से मिले चेक को भानुप्रतापपुर बैंक में जमाकर एटीएम से पुरे पैसे महिला के खाते से निकाल लिए। ठगी का शिकार हुई सियाबाई कोर्राम ने कहा उसके पति का निधन हो चुका है। उसके छोटे छोटे बच्चे हैं। मत्स्य विभाग में तालाब खनन के लिए फार्म जमा किया था मगर आज तक मुझे एक पैसा भी नहीं मिला यही कारण है की मैं अपने खेत में तालाब खनन नहीं करवा पाई। मगर मेरे साथ फर्जीवाड़ा किया गया।
समझौता हो चुका, महिला को दे दूंगा पैसे: दलाल जीवन
दलाल जीवन कुमार ने कहा उसने 1.68 लाख का चेक मत्स्य विभाग के जिला कार्यालय से लाया था। मामले में आपसी समझौता हो चुका हैं। मैं कुछ दिन बाद पैसा महिला सियाबाई को चुका दूंगा। पैसे का आहरण भानुप्रतापपुर बैंक से किया गया। वहीं महिला के नाम से खाता खुलवाकर एटीएम जारी करवाकर अपने पास रख लिया था जिससे पैसे निकाले।
फर्जीवाड़े में शामिल सभी के खिलाफ होगी कार्रवाई
जिला मत्स्य अधिकारी बीना गढ़पाले ने कहा वे जब से कांकेर में पदस्थ हुई हैं उसके बाद तालाबों का निरीक्षण करने के बाद ही चेक सीधे हितग्राही के खाते में जमा करा दिया जाता है। इस मामले में गड़बड़ी हुई होगी तो कार्रवाई जरूर की जाएगी। विभाग के भी किसी कर्मचारी की संलिप्तता सामने आने पर उसके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
अब तक किसी दलाल के खिलाफ कार्रवाई नहीं
पखांजूर क्षेत्र में मत्स्य विभाग में बहुत से घोटाले उजागर होने के बावजूद विभाग द्वारा अब तक किसी भी दलाल के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है। इसके चलते दलालों के हौसले बुलंद हैं तथा ग्रामीण ठगी का शिकार हो रहे हंै। मत्स्य विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत मामले में है जिसके चलते वे कमीशन लेकर चेक हितग्राही को नहीं देकर दलालों को दे देते हैं।
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