
आम लोगों को योजनाओं का लाभ देने में अफसरों की मनमानी जारी है। मंगलवार काे अफसराें की मनमानी का ऐसा ही मामला सामने आया, जब पंडरा के बनहाेरा में 180 फ्लैटाें का आवंटन लॉटरी से करने के लिए आवेदकों काे बुलाकर नगर निगम के अफसर ही गायब हाे गए। दाेपहर 12 बजे माेरहाबादी स्थित दीक्षांत मंडप के पास जब 100 से अधिक आवेदक पहुंचे ताे वहां परिसर के दरवाजे पर एक कागज में नोटिस चिपका मिला कि अपरिहार्य कारणों से फ्लैट का आवंटन रद्द किया जाता है। यह देख आवेदक परेशान हाे गए। यह नोटिस सही है या गलत, यह बताने वाला भी काेई नहीं था। निगम का काेई पदाधिकारी या कर्मचारी भी वहां नहीं था।
ऐसे में लाेगाें ने हंगामा करना शुरू कर दिया। क्याेंकि, कई महिलाएं छाेटे-छाेटे बच्चों काे लेकर पहुंची थी और कई पुरुष काम-धंधा छाेड़कर आए हुए थे। दाेपहर 2 बजे तक निगम की ओर से काेई सूचना नहीं मिलने पर कुछ आवेदकों ने नगर आयुक्त के मोबाइल नंबर 9431115814 पर कई बार फाेन लगाया ताे वह स्विच ऑफ मिला। उप नगर आयुक्त कुंवर सिंह पाहन के मोबाइल नंबर 9431107487 पर कई बार रिंग हाेने के बाद भी काॅल रिसीव नहीं हुआ। शाम तक रुकने के बाद आवेदक निराश हाेकर लाैट गए।
पिछले वर्ष के अक्टूबर महीने से आवंटन के लिए तय हो रही है तिथि
रांची नगर निगम के अधिकारियों ने काेविड-19 के बावजूद सैकडों लाेगाें काे लॉटरी में शामिल करने के लिए बुला लिया था। आवेदकों की अधिक संख्या काे देखते हुए अंतिम समय में प्रशासन ने लॉटरी करने की अनुमति नहीं दी। इस वजह से सातवीं बार फ्लैटाें का आवंटन रद्द कर दिया गया। पिछले वर्ष अक्टूबर से फ्लैटाें के आवंटन के लिए तिथि तय हाे रही है और बाद में उसे रद्द कर दिया जा रहा है। इसलिए, आवेदकों का भराेसा निगम से उठते जा रहा है।
आवेदकाें ने कहा, अधिकारी आर्थिक-मानसिक शाेषण कर रहे हैं
4 वर्ष पहले 1500 रुपए खर्च कर कागजात बनाकर घर के लिए आवेदन की थी। इसके बाद दाे बार फिर ऑनलाइन आवेदन मांगा गया। उसमें भी 1000 रुपए खर्च हुए। बैंक में भी 5000 रुपए जमा करा दिया। मंगलवार को लॉटरी के लिए निगम से फाेन करके बुलाया गया था, लेकिन आवंटन क्याें रद्द कर दिया गया, यह किसी ने नहीं बताया। अधिकारी हमारा आर्थिक और मानसिक शाेषण कर रहे।
-साेनी सिन्हा, आवेदक
वर्षाें से किराए के घर में रह रहे हैं। तीन वर्ष पहले पांच हजार रुपए खर्च करके आवास के लिए आवेदन की थी। बैंक में भी पैसा जमा कर दिए। 1 साल में छह बार फ्लैट देने के लिए आवेदन निकाला गया, लेकिन नहीं मिला। इस बार निगम से ही फाेन करके लॉटरी के लिए बुलाया गया फिर रद्द कर दिया गया। लेकिन, अधिकारियों ने इसकी काेई सूचना नहीं दी। फाेन करने पर काेई जवाब भी नहीं मिला।
-मीनता देवी, आवेदक
रद्द की सूचना नहीं देना गलत, मांगेंगे जवाब
अधिकारियाें काे पहले ही कहा था कि काेविड काे देखते हुए प्रशासन की अनुमति लेकर ही लॉटरी का आयाेजन करें। इसके बावजूद फ्लैट के आवंटन की तिथि निकालना बड़ी चूक है। प्रशासन से कार्यक्रम की अनुमति नहीं मिली ताे इसकी जानकारी भी सार्वजनिक हाेनी चाहिए थी। क्याें इस तरह की गड़बड़ी हुई, इस पर अधिकारियों से जवाब मांगेंगे।
-आशा लकड़ा, मेयर
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/36sQhvH
nice informative
ReplyDeleteNice Sir Aisa Hi Hona Chahiye Nice Information
ReplyDeleteAmazing article, and I have learned a lot
ReplyDelete