मुख्यमंत्री हेमंत साेरेन ने कहा कि जमशेदपुर में मार्च से पहले आदिवासी विश्वविद्यालय शुरू हाे जाएगा। अब शिलान्यास नहीं, सीधे उद्घाटन हाेगा। अब तक केवल बिल्डिंग ही बिल्डिंग बनी है। अब बिल्डिंग के अंदर काम हाेगा। नए साल में झारखंड काे नया जनजातीय सलाहकार परिषद (टीएसी) भी मिल जाएगा। 20 साल में इसकी नियमावली ही नहीं बनी थी, जाे अब तैयार हाे गई है। मंगलवार काे राज्य सरकार के एक साल पूरा हाेने से एक दिन पहले साेमवार काे सीएम मीडिया से बात कर रहे थे।
उन्हाेंने कहा- सरकार के संवैधानिक दायित्व के तहत मिले काम काे राेकने के लिए विपक्ष नेता प्रतिपक्ष नहीं बना रहा। ताकि काम न हाेने का ठीकरा सरकार पर फाेड़ा जा सके। नेताविहीन, स्तरहीन साेच भाजपा पर सटीक बैठती है। आराेप का आधार व स्तर हाेना चाहिए। 20 साल में इतनी मजबूत सरकार नहीं बनी। यह खरीद-फराेख्त की सरकार नहीं है। हेमंत साेरेन किसी के दबाव में काम नहीं करता।
मुख्यमंत्री ने कहा- भले ही देर हो जाए लेकिन जो वादा किया है, जरूर निभाएंगे
- पंचायत चुनाव पर विचार किया जा रहा है। निजी क्षेत्राें में आरक्षण भी देंगे। जाे वादा किया है, वह जरूर पूरा हाेगा, भले ही इसमें विलंब हाे।
- 5 साल में छठी जेपीएससी का रिजल्ट नहीं निकला तो हमने जारी करवाया। अब नियमावली बन रही।
- झारखंड के आदिवासी बच्चे विदेश में पढ़ेंगे। जिलाें में माॅडल स्कूल खाेल सीबीएसई से संबद्ध करेंगे, जहां गरीब-किसानों के बच्चे भी पढ़ेंगे।
काेराेनाकाल में बेहतर प्रबंधन में हम आगेे
लॉकडाउन में फंसे मजदूरों को सबसे पहले ले आए
हेमंत ने कहा कि काेराेनाकाल के दाैरान बेहतर प्रबंधन में झारखंड विश्व के टाॅप 3-4 राज्याें में शुमार हुआ। विश्वस्तरीय लैब बनाई। 50 लाख से अधिक टेस्ट हाे चुके हैं। रिकवरी रेट बहुत अच्छा है। लाॅकडाउन के दौरान फंसे मजदूराें काे सबसे पहले हम लेकर आए। मुफ्त में खाना खिलाया।
अब झारखंड काे अपने पैराें पर खड़ा करेंगे
सीएम ने कहा कि डीवीसी धमकी ही नहीं दे रहा, बिजली भी काट रहा है। केंद्र से जीएसटी का पैसा नहीं मिल रहा। अब झारखंड काे अपने पैराें पर खड़ा करेंगे। धन संग्रह के लिए कुछ रिफाॅर्म्स किए हैं। हजाराें कराेड़ के बकाए पर केंद्रीय उपक्रमाें से जवाब-तलब किया है। कमेटी भी बनाई है।
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