सरगुजा जिले में कोरोना की स्थिति का पता लगाने आईसीएमआर द्वारा तीसरी बार सीरो सर्विलांस टेस्ट के लिए अलग अलग जगहों पर जा कर लोगों का सैम्पल लिया गया। टीम सोमवार को अचानक पहुँची। इस बार पहली बार हेल्थ वर्करों के भी सैम्पल लिए गए हैं। टीम ने कुल 500 लोगों का सैम्पल लिए हैं जिसमें 100 सैम्पल स्वास्थ्य कर्मियों के हैं। इस टेस्ट से यह पता चलता है कि जिले में कितने लोगों में कोरोना से लड़ने एंटीबॉडी विकसित हो गई है। इसके आधार पर आईसीएमआर कोरोना को लेकर गाइडलाइन भी जारी करता है। जिले में इससे पहले दो बार पहले भी यह सर्वे हो चुका है लेकिन रिपोर्ट सिर्फ पहले सर्वे की ही अभी तक आई है। इससे भी सर्वे पर सवाल उठ रहा है। इसके बारे में स्वास्थ्य विभाग भी कुछ नहीं बता पा रहा है। पहला सीरो सर्वे जून के करीब हुआ था। स्वास्थ्य विभाग के पास सिर्फ इसी सर्वे की रिपोर्ट है। यह 0.9 फीसदी है। यानी 100 लोगों में करीब एक व्यक्ति में कोरोना से लड़ने एंटीबॉडी विकसित थी। दूसरा सर्वे अक्टूबर में हुआ था जिसकी रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को नहीं मिली है।
तीसरा सर्वे भी एक माह की देरी से हुआ: स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार दूसरी रिपोर्ट आने के बाद तीसरा सर्वे नवम्बर में ही हो जाना था, लेकिन इसमें भी एक महीने की देरी की गई है। इस बार इसमें 100 हेल्थ वर्करों को भी शामिल किया गया। हेल्थ वर्करों में ज्यादातर मैदानी कर्मचारी हैं जो पिछले कई माह से कोरोना के लिए काम करते आ रहे हैं।
क्या है सीरो सर्वे
किसी स्थान पर हर समूह के लोगों के ब्लड सैम्पल की जांच कर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का पता लगाया जाता है कि बिना लक्षण वाले मरीजों की पहचान हो सके। जिन्हें संक्रमण तो हुआ था, लेकिन वे अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता से ठीक हो गए। इसके बाद तीसरा सर्वे हो गया। बताया जा रहा है कि यह भी प्रदेश के सिर्फ तीन जिलों में ही यह सर्वे छत्तीसगढ़ में सीरो सर्विलांस सर्वे सिर्फ तीन जिले कवर्धा, बीजापुर व सरगुजा में ही हो रहा है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/38JAQz3
No comments:
Post a Comment