
प्री मैट्रिक अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घाेटाले में राज्य अल्पसंख्यक आयाेग के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा के वरीय नेता कमाल खान भी शक के घेरे में हैं। जांच टीम की पूछताछ में अधिकतर लाेगाें ने कमाल खान का नाम लिया। कहा- कमाल खान सभी घाेटालेबाजाें काे जानते हैं। उनके घर भी जाते थे। इसलिए संदेह है कि वह घाेटाले के सभी पहलुओं से परिचित थे। धनबाद के एडीएम लाॅ एंड ऑर्डर चंदन कुमार की अध्यक्षता वाली चार सदस्यीय जांच टीम ने अपनी रिपाेर्ट में कहा है कि भ्रष्टाचार और सरकारी राशि के गबन में इनकी संलिप्तता की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। इनके संबंध में विस्तृत जांच की जरूरत है।
टीम ने कई राज्यस्तरीय अधिकारियाें की संलिप्तता का भी संदेह जताया है। उधर, कमाल खान ने इन आराेपाें काे झूठा और बेबुनियाद बताया है। उन्हाेंने कहा कि यह उन्हें बदनाम करने की साजिश है। धनबाद की बिचाैलिया निलाेफर परवीन ने जांच टीम काे बताया था कि घाेटाले में कमाल खान, रांची एमआईएस का हेड विजय गाेराई, चतरा का सादिक उर्फ शाहिद, ऑपरेटर अमजद, फैसल, राजनेता तारिक, सबिना, नाजनी, ताैसिफ, इरफान खान, साेहैल और पांडरपाला धनबाद का राशिद खान शामिल हैं।
अफसराें काे फाेर व्हीलर या कैश देते थे एजेंट
तारिक ने घाेटालेबाजाें से कराया था कमाल का संपर्क
जांच रिपाेर्ट में कहा गया है कि तारिक ने ही घाेटालेबाजाें से कमाल खान का संपर्क कराया था। उनके साथ एक दर्जन से अधिक लाेग थे, जिन्हाेंने कमाल खान के प्रभाव के सहारे रणनीति काे अंजाम दिया। रिपाेर्ट में प्री मैट्रिक अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति के राज्य नाेडल पदाधिकारी राजकिशाेर खाखा के ऑपरेटर विजय गाेराई का भी कई बार नाम आया है। जांच टीम ने धनबाद एसएसपी से इन सबके फाेन नंबराें की सीडीआर मांगी थी, पर नहीं मिली।
गैंग में चतरा के दर्जनाें लाेग, बिहार में भी घाेटाला
घोटालेबाजों के गैंग में चतरा के दर्जनों लोग शामिल हैं। इन्होंने बिहार में भी ऐसा ही घोटाला किया है। मो. सादिक उर्फ शाहिद चतरा के लाइन मोहल्ला खानकाहा मस्जिद के पास का रहनेवाला है। ऑपरेटर अमजद और उसका पार्टनर फैसल भी चतरा के ही रहनेवाले हैं। निलोफर ने बताया है कि सादिक उर्फ शाहिद के इस फर्जीवाड़े का काम बिहार के औरंगाबाद, आरा, तथा झारखंड के रांची लोहरदगा, साहेबगंज तथा बोकारो में चलता था।
मुझे बदनाम करने की साजिश
यह घोटाला मेरे शह पर होने की जो बात कही जा रही है, वह मुझे बदनाम करने की साजिश है। घाेटाले की पूरी जानकारी मुझे होने और खुद मेरे भी शामिल होने का आरोप झूठ है। बेबुनियाद है। अल्पसंख्यक आयोग तो किसी को दो रुपए भी नहीं दे सकता। मैं प्रतिष्ठित आदमी हूं। तारिक, सादिक, अमजद और फैसल कौन हैं, इन्हें भी मैं नहीं जानता। सादिक के घर दावत खाने जाने की बात भी पूरी तरह से गलत है।
कमाल खान, राज्य अल्पसंख्यक आयाेग के पूर्व अध्यक्ष
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