
भांड़ी चौक से जमगहना तक नेशनल हाइवे पर जानलेवा गड्ढों से वाहन चालक परेशान हैं। विरोध के बाद एनएचएआई ने मुख्यालय में शहर की सड़क की मरम्मत करवा दी, लेकिन खरवत से छिंदडांड और चिल्ड्रन पार्क से जमगहना तक करीब 10 किमी सड़क के गड्ढों को नहीं पाटा है। खराब सड़क से चरचा, सूरजपुर मार्ग पर वाहन चालको को हर पल हादसे का डर बना रहता है।
दरअसल खरवत से जमगहना तक शहर की सड़क को एनएचएआई पीडब्ल्यूडी को हैंडओवर करने की तैयारी है, जिस कारण बेपरवाह अफसर सड़क की मरम्मत नहीं करवा रहे है। इधर बायपास तैयार होने में अभी काफी समय है, ऐसे में इस कशमकश में वाहन चालकों के लिए परेशानी खड़ी हो गई है। कटनी गुमला नेशनल हाइवे होने के कारण दिन-रात सड़क पर वाहनों का दबाव बना रहता है। ट्रांसपोर्ट वाहनों के साथ यूपी, बिहार, झारखंड जाने वाली सैकड़ों बसें भी इसी सड़क से गुजरती हैं।
भारी वाहनों के चलने से सड़क पर बन चुके जानलेवा गड्ढों के कारण अब दोपहिया और कार चालकों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। शहर में खराब सड़क से हादसे में कॉलरी कर्मी युवक की मौत के बाद करीब 3 किमी सड़क के गड्ढों की मरम्मत की गई, लेकिन यहां भी गुणवक्ता का ध्यान नहीं देने से गड्ढें फिर उभरने लगे हैं। मुख्य सड़क की इस दुर्दशा पर न तो जनप्रतिनिधि कुछ पहल कर रहे हैं और न ही जिम्मेदार अफसर। मामले में एनएचएआई के अफसरों का कहना है कि सड़क मरम्मत के लिए विभागीय स्तर पर बजट की मांग की गई है, लेकिन बायपास सड़क निर्माणाधिन होने से मंजूरी नहीं मिल रही है। बायपास सड़क पूरी होने के बाद ही सड़क को पीडब्ल्यूडी को सौंप सकते हैं। वहीं पीडब्ल्यूडी की सड़क हैंडओवर होने के बाद मरम्मत के लिए बजट की स्वीकृति मिलने के बाद मरम्मत शुरू करवाएगी। इस विभागीय पेंच में अब वाहन चालकों की मुसीबतें बढ़ने लगी है।
मरम्मत के बाद फिर उभरने लगे गड्ढे
शहर से गुजरी सड़क पर मरम्मत में 2 हफ्ते भी नहीं बीते थे कि अब पेंचवर्क उखड़ने लगी है। एक साल के भीतर एनएचएआई करीब 5 बार सड़क की मरम्मत और स्टोन डस्ट, मुरूम डलवा चुकी है, लेकिन इसका फायदा वाहन चालकों को एक महीने भी नहीं मिल पाता है। सड़क धूल से सराबोर होने से दुपहिया चालक परेशान हैं। छिंदडांड से स्कूलपारा तक सड़क पर उड़ती डस्ट से व्यापारियों की मुश्किलें बढ़ गई है।
बायपास पूरा होने तक करें इंतजार: एसडीओ
एनएचएआई के एसडीओ बृजेश चतुर्वेदी ने बताया कि बायपास सड़क बनने के बाद ही शहर की सड़क पीडब्ल्यूडी को हैंडओवर किया जा सकेगा। इसके बाद ही मरम्मत संभव है। एनएचएआई से मरम्मत के लिए विभागीय मंजूरी नहीं मिली है। ऐसे में अब बायपास पूरा होने तक इंतजार करना होगा।
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