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Wednesday, January 6, 2021

जू में बना रहे 10 नए बाड़े, यहां देख सकेंगे गौर-भेड़िया और पेंगोलिन

नवा रायपुर में जंगल सफारी से सटे जू में मैसूर से गौर और भेड़िया लाए जाएंगे। भुवनेश्वर से पेंगोलिन लाने की तैयारी है। इनके अलावा चिंकारा, वाइल्ड डॉग यानी जंगली कुत्ते, स्याही और चीतल सहित 10 अलग-अलग किस्म के वन्य प्राणी अलग-अलग बाड़ों में लाकर रखे जाएंगे। जू में इन वन्य प्राणियों के लिए बाड़े बनने शुरू हो गए हैं। अब तक बने बाड़ों की तरह नए बाड़े भी इतने बड़े साइज के बनाए जा रहे हैं कि वन्य प्राणी आसानी से घूम सकें।
पेंगोलिन के लिए सबसे छोटा 200 स्क्वेयर मीटर का बाड़ा बनेगा जबकि गौर के लिए बनाए जा रहे बाड़े की साइज साढ़े तीन हजार स्क्वेयर मीटर है। इसी तरह बाकी वन्य प्राणियों के बाड़े भी उनके मूवमेंट और प्रकृति के हिसाब से बनाए जा रहे हैं। बाड़ों पर 10 करोड़ खर्च किए जा रहे हैं। नए बाड़े बनने के साथ ही इसमें रखे जाने वाले वन्य प्राणियों को लाने की कवायद भी शुरू कर दी गई है। बाड़े लगभग तीन महीने में तैयार हाे जाएंगे।

बाड़े का वातावरण प्राकृतिक जंगल जैसा कर रहे तैयार
जू के बाड़े की साइज बड़ा रखने की सबसे अहम वजह भीतर का वातावरण प्राकृतिक रखना है। अफसरों के अनुसार जू के भीतर बड़े पेड़, झाड़ियां, तालाब की तरह बड़ा टब बनाया जाएगा। इससे वन्य प्राणियों को प्राकृतिक वातवरण में रहने का अहसास होगा। इससे वन्य प्राणी स्वस्थ्य रहेंगे और उनकी ग्रोथ भी अच्छी रहेगी।

वन्य प्राणी लाने के लिए देने भी पड़ेंगे
जू में वन्य प्राणियों को लाने और रखने के लिए सेंट्रल जू अथॉरिटी के कड़े नियम हैं। जंगल से पकड़कर किसी भी वन्य प्राणी को जू में नहीं रखा जा सकता, लेकिन एक जू से दूसरे जू में एनिमल्स की शिफ्टिंग की जा सकती है। जिस जगह के जू से वन्य प्राणी लाना है, वहां के वन विभाग की मंजूरी जरूरी है। किसी भी राज्य का वन विभाग बिना कोई वन्य प्राणी लिए दूसरा वन्य प्राणी नहीं देता। जहां कोई वन्य प्राणी ज्यादा संख्या में रहते हैं और वहां जू में जगह कम पड़ने लगती है, तभी संबंधित सेंटर के अफसर बिना कोई वन्य प्राणी लिए अपने जू का जानवर गिफ्ट करते हैं। अफसरों का कहना है हमारे यहां हिरण और तेंदुए ही दे सकते हैं, बाकी वन्य प्राणी यहां से भेजे जाने की स्थिति नहीं है।

ये एनिमल्स अब लाएंगे

  • गौर
  • पेंगोलिन
  • भेड़िया
  • सफेद चक्ते वाले चीतल
  • चिंकारा
  • स्याही
  • कबरबिज्जू
  • सांभर
  • सर्प पार्क

अभी जू में हैं ये एनिमल्स

  • सफेद बाघ
  • बंगाल टाइगर
  • लाॅयन
  • गोहिया
  • कछुआ पार्क
  • मगरमच्छ
  • काले हिरण
  • हिरण-चीतल
  • कोटरी
  • लोमड़ी
  • दरियाघोड़ा
  • तेंदुआ
  • नील गाय
  • हिमालियन भालू
  • उद बिलाव
  • घड़ियाल

गाैर अब तक राज्य के किसी जू में नहीं
छत्तीसगढ़ में बारनवापारा अभयारण्य, उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व फॉरेस्ट और अचानकमार टाइगर रिजर्व फॉरेस्ट में गाैर बड़ी संख्या में हैं, लेकिन अब तक किसी भी जू में इन्हें नहीं रखा गया है। जंगल से पकड़कर गौर को सीधे जू में नहीं रखा जा सकता, इस वजह से इसे मैसूर के जू से लाया जा रहा है। मैसूर के वन विभाग ने गौर के साथ-साथ भेड़िए का एक जोड़ा देने की मंजूरी दे दी है। अफसरों के अनुसार भुवनेश्वर में पेंगाेलिन बड़ी संख्या में हैं। ऐसे में वहां से पेंगोलिन मिलने की पूरी उम्मीद है। जंगल सफारी और जू की डीएफओ मर्सीबेला के अनुसार अभी तक जितने वन्य प्राणियों को यहां रखने के लिए बाड़े बनाए जा रहे हैं, उनमें केवल वाइल्ड डॉग, चिंकारा, पेंगोलिन और गौर को दूसरे राज्यों से लाना पड़ेगा। बाकी वन्य प्राणी यहां किसी न किसी जू या नंदनवन रेस्क्यू सेंटर में हैं।



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125 एकड़ में फैले जू की ड्रोन से ली गई तस्वीर।


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