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आजादनगर रोड नंबर 15 के पास काम के दौरान मिक्सर मशीन में दबकर मजदूर संतोष कुमार वर्मा (45) की मौत हो गई। घटना के बाद मुआवजा की मांग पर मृतक के भाई मनोज कुमार वर्मा समेत अन्य लोगों ने हंगामा किया। सभी परिवार की परवरिश के लिए पांच लाख रुपए मुआवजा मांग रहे थे। इधर ठेकेदार अंतिम संस्कार के लिए 20 हजार रुपए देने को तैयार था। इसको लेकर करीब आधे घंटे तक हंगामा चला। कोई नतीजा नहीं निकलने पर टीएमएच में शव छोड़कर सभी चले गए। मृतक उलीडीह आदिवासी स्कूल के पास रहता था। टीएमएच में उपस्थित कोई व्यक्ति संतोष की मौत का सही कारण नहीं बता पा रहा था।
किसी साथी ने बताया- संतोष के पैर पर मिक्चर मशीन का चक्का चढ़ गया था तो किसी ने बताया- संतोष मशीन के ऊपर काम कर रहा था। पैर फिसलने के बाद वह नीचे गिरा और उसपर चक्का चढ़ गया। एक साथी ने कहा- मशीन को ढकेलने के दौरान चक्का संतोष के पैर पर चढ़ गया। घटना के बाद संतोष को टीएमएच ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। टीएमएच में संतोष के पैर में जख्म होने के साथ-साथ मुंह से भी खून निकल रहा था।
परिवार में कमाने वाला सिर्फ संतोष ही था
मृतक के भाई मनोज वर्मा ने बताया- रविवार सुबह करीब 7 बजे भाई संतोष कुमार वर्मा काम पर निकला था। सुबह 11 बजे उसे घटना की जानकारी हुई। वह टीएमएच पहुंचा तो भाई का शव पड़ा देखा। भाई की छह साल की बेटी और 10 साल का बेटा है। एकमात्र वह मजदूरी कर परिवार की देखभाल करता था। उसकी मौत के बाद पूरा परिवार संकट में आ गया। परिवार को कम से कम 5 लाख रुपए मुआवजा मिलना चाहिए, जिससे आगे की जिंदगी जीने में कोई तकलीफ न हो। उक्त रकम संतोष की बच्चों के नाम पर फिक्स्ड डिपॉजिट कर दी जाए। लेकिन ठेकेदार 20 हजार रुपए देने की जिद पर अड़ा था, जिसे लेने से परिवार ने इनकार कर दिया। संतोष को मिर्गी की बीमारी थी।
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