इंद्रावती नदी पार गांवों के ग्रामीण राशन लेने के लिए अब भी मीलों पैदल चलकर छिंदनार-मुचनार गांव आ रहे हैं जबकि इस बार राहत की बात ये है कि पाहुरनार व करका घाट पर पुल बनने के कारण नदी की दूसरी तरफ रपटा भी बन गया है। दरअसल पुल बनाने के लिए पानी की जरूरत थी जो नदी में रुक नहीं रहा था इसलिए रपटा बनाकर पानी रोका गया। रपटे और पुल के बीच चौड़ी सड़क भी बनाई गई है जिस पर से आसानी से चारपहिया वाहन गुजरकर नदी पार के गांवों में राशन लेकर पहुंच सकता है। इसके बाद भी इन गांवों में राशन नहीं पहुंचाया जा सका है। बताना जरूरी है कि सिर्फ दंतेवाड़ा ही नहीं बल्कि नारायणपुर जिले के हांदावाड़ा गांव के ग्रामीण भी दंतेवाड़ा के मुचनार गांव में राशन लेने आते हैं।
छिंदनार, मुचनार गांव में राशन लेने पहुंचे नदी पार गांव के ग्रामीण राकेश, जुदरु, गुड्डी, जुमा सहित अन्य ने कहा कि अब गांव में ही राशन मिलना चाहिए। दरअसल बारिश के पहले 4 महीने राशन का नदी पार के गांवों में ही भंडारण हो जाता है। जबकि बाकी 8 महीने नदी पार कर ग्रामीणों को अन्य गांवों में आना होता है। एसडीएम अबिनाश मिश्रा ने कहा कि जो गांव के ग्रामीण लंबी दूरी तय कर दूसरे गांवों में राशन लेने आते हैं ऐसे गांवों में पीडीएस खोलने की प्लानिंग के तहत काम हो रहा है। गीदम फूड इंस्पेक्टर अमित तिवारी ने कहा कि नदी पार के जिन गांवों तक राशन गाड़ी पहुंच सकती है, उच्चाधिकारियों से बात कर वहां राशन पहुंचाने की व्यवस्था कराई जाएगी।
मुचनार घाट में अब भी डोंगी का सहारा
मुचनार-कोडनार घाट में अब भी नदी का जलस्तर बढ़ा है और डोंगी से ही ग्रामीण नदी पार कर रहे हैं। जबकि छिंदनार, करका घाट में पुल बनने के कारण नदी पर बने रपटा के ऊपर से चारपहिया वाहन गांवों तक पहुंच रही है।
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