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Friday, January 1, 2021

पुलिस कैंपों में ग्रामीणों के लिए अब राशन दुकान, थिएटर, मुफ्त खाना और इलाज भी

देश के 11 राज्यों के 90 से ज्यादा जिले नक्सल प्रभावित हैं। नक्सल प्रभावित इलाकों में जवानों की पहुंच नक्सलियों तक आसान करने के लिए हजारों कैंप भी खोले गए हैं। पूरे देश में पुलिस कैंपों का उद्देश्य नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाना और इलाके की सुरक्षा करना है लेकिन अब देश में पहली बार बस्तर में पुलिस कैंपों के मायने ही बदले जा रहे हैं। अब कैंपों में लोगों के लिए मिनी सिनेमा हाॅल से लेकर इलाज और मुफ्त खाने तक की व्यवस्था की जा रही है।
बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि 2019 में नक्सलियों के खिलाफ रणनीति में बड़ा बदलाव किया गया। पहले हमारा फोकस कैंपों के जरिए नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन लांच करना और कैंपों के जरिए इलाके में विकास करना था। इसके बाद हमने नई प्लानिंग पर काम किया तो हमें पता चला कि लोग नक्सलियों का सपोर्ट डर और हमसे दूरी की वजह से कर रहे हैं। हमें एक बड़ी बात पता चली कि ग्रामीण भी चाहते हैं कि उनके इलाके का विकास हो, उन्हें बेहतर शिक्षा और इलाज भी मिले। इसके बाद प्रयोग के तौर पर हमने पहले पोटाली और बोदली में पुलिस कैंप के पास ही राशन की दुकान खुलवाई है। पहले यहां के ग्रामीणों को राशन के लिए 15 से 20 किमी का पैदल सफर करना पड़ता था लेकिन अब लोगों को गांव में ही राशन मिल रहा है। इसके बाद कुछ कैंप में हमने प्रोजेक्टर के माध्यम से मिनी थियेटर बनाए और यहां गांव वालों को पिक्चर दिखाने की शुरुआत की गई। इस प्रयोग से गांव के लोगों की फोर्स के साथ नजदीकियां बढ़ी और एक-दूसरे को समझने का मौका मिला। इसके अलावा कैंपों में हम गांव वालों के लिए मुफ्त खाना, दवा और शिक्षा की व्यवस्था भी कर रहे हैं। हमारी इस नई योजना का खास लाभ लोगों को मिल रहा है। 2021 में हमारी कोशिश है कि हमारे सभी कैंपों से न सिर्फ नक्सल ऑपरेशन बल्कि कैंपों से लोगों का सीधा जुड़ाव हो।

7 जिलों में 120 कैंप इन कैंपों में एक लाख जवान, 2020 में ही खोले 17 नए कैंप : बस्तर संभाग के सात जिलों में अलग-अलग सुरक्षा बलों के करीब 120 पुलिस कैंप हैं। इन कैंपों में करीब 1 लाख जवान तैनात हैं। अकेले वर्ष 2020 में नए 17 कैंप खोले गए हैं और इन सभी नए कैंपों में लोगों की मदद वाला कांसेप्ट को ट्रायल के तौर पर चलाया जा रहा है।

अब ‘पुलिस विश्वास, विकास और सुरक्षा’
पुलिस ने कैंपों के माध्यम से लोगों की मदद की शुरुआत के बाद बस्तर में नक्सल ऑपरेशन के लिए अपना ध्येय वाक्य बदल डाला है। पहले पुलिस का ध्येय वाक्य ‘सुरक्षा के साथ विकास’ था लेकिन 2019 के बाद सीएम भूपेश बघेल ने बस्तर पुलिस के लिए नया ध्येय वाक्य बनाया अौर अब बस्तर में ‘पुलिस विश्वास, विकास और सुरक्षा’ वाले ध्येय वाक्य पर काम कर रही है। ध्येय वाक्य में विश्वास का आशय कैंपों से मिलने वाली सुविधाओं से है। बस्तर पुलिस ने वर्दी में लगाए जाने वाले लोगो में भी इसी ध्येय वाक्य को प्रिंट करवाया है।

नक्सल प्रभावित राज्य
बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, केरल, महाराष्ट्र, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, मध्यप्रदेश के करीब 90 जिले नक्सलवाद से जूझ रहे हैं।



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Ration shop, theater, free food and treatment for villagers in police camps


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