कोरोना काल में जहां पुलिस के कामों की देशभर में सराहना की जा रही है, उस पर फूल बरसाए जा रहे हैं, वहीं दुर्ग जिले के पाटन थाने में पदस्थ एक सब इंस्पेक्टर ने अपने कृत्य से अपनी वर्दी पर दाग लगा दिया। बीती रात यह सब इंस्पेक्टर देवानंद पटेल वर्दी में अपनी ही कार से महुआ शराब की तस्करी करते हुए मचांदूर नाके में पकड़ा गया। तस्करी में उसका सहयोग करने वाले मौके पर उसी कार में मौजूद उसके तीन साथी भी पकड़े गए। हद तो तब हो गई जब मुखबिर की सूचना पर चारामा पुलिस ने घेरेबंदी कर इस कार को रोका और उसकी तलाशी लेनी चाही तो सब इंस्पेक्टर पुलिसिया धौंस देने लगा। उस वक्त वह शराब के नशे में धुत था। जब कार में 55 लीटर महुआ शराब से भरे दो वाटर केन और जरकीन मिली तो सब इंस्पेक्टर चारामा पुलिस टीम के हाथ पांव जोड़ने लगा। लेकिन टीम पर इसका असर नहीं हुआ। चारों आरोपियों के खिलाफ आबकारी एक्ट का केस दर्ज कर लिया गया है। सब इंस्पेक्टर पटेल के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी तैयारी की जा रही है।
पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ दिनों से एक कार से कुछ लोग महुआ शराब की तस्करी कर रहे हैं। सोमवार को सूचना पर पुलिस रात में नाकाबंदी कर कार का इंतजार करने लगी। रात 11 बजे स्विफ्ट डिजायर कार क्रमांक सीजी 07 बीएच 0697 मचांदूर नाका पहुंची।
पुलिस ने कार रुकवाई तो सामने सीट पर एसआई देवानंद पटेल निवासी नरहरपुर वर्दी में बैठा मिला। थाना प्रभारी ने पूछताछ की तो वह शराब की तस्करी से इंकार करने लगा। लेकिन जल्द ही सच्चाई सामने आ गई। उसके के साथ ही उसके शराब तस्करी गिरोह के साथी चालक तरूण ऊर्फ पप्पू लहरी, कृष्ण बंछोर मटिया तथा टी प्रकाश चंद्राकर ऊर्फ बल्ला तीनों निवासी सांकरा पाटन जिला दुर्ग के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। कार सब इंस्पेक्टर पटेल के नाम से ही दुर्ग जिला परिवहन कार्यालय में रजिस्टर्ड है। शराब को वह पानी ठंडा रखने के वाटर केन में छुपाकर रखता था।
15 हजार की शराब दुर्ग में 55 हजार की : कांकेर जिले से महुआ शराब 275 रूपए प्रति लीटर खरीदा जाता था जिसे दुर्ग में चार गुना अधिक 800 रुपए से हजार रुपए लीटर तक बेच जाता था। चारामा पुलिस ने 55 लीटर शराब जब्त की है, कांकेर में तो कीमत 15 हजार है लेकिन दुर्ग में इसकी कीमत 55 हजार है।
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