वैश्विक महामारी कोरोना काल के बीच स्वास्थ्य विभाग में एक अच्छी पहल शुरू हुई है। जिले में अब शीघ्र डायलिसिस की व्यवस्था होगी। इससे यहां यहां मरीजों को पहले से और अधिक सुविधाएं मिल सकेंगी। यह व्यवस्था आउटसोर्सिंग के जरिये होगी। इसके लिए विभाग की ओर से करार भी कर लिया गया है। यह सुविधा राज्य के सभी जिलों में उपलब्ध होगी।
इसके लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत लोक निजी साझेदारी के अंतर्गत राज्य के 19 जिलों में डायलिसिस इकाई की स्थापना एवं संचालन करने के लिए राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार द्वारा नेफ्रोकेयर हेल्थ सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, हैदराबाद के साथ करार किया है।
राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार, सहायक निदेशक मदन लाल गुप्ता, लोक निजी साझेदारी(पीपीपी) के उप सचिव प्रभारी रविश किशोर एवं नेफ्रोकेयर के मैनेजर बिज़नेस डेवलपमेंट निशांत कुमार सिंह ने यह करार किया है। इससे जिलेवासियों में सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में आने के प्रति और झुकाव बढ़ेगा।
किडनी मरीजों के इलाज में होगी सहूलियतें
इस संबंध में पूछे जाने पर सिविल सर्जन डॉ. अरुण कुमार तिवारी ने बताया कि इससे जिला के स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में वृद्धि होगी। किडनी के मरीजों के उपचार में सहूलियत होगी। बताया कि कैमूर में अपोलो डायलिसिस प्राइवेट लिमिटेड के साथ करार हो चुका है।
नए 19 जिलों में डायलिसिस यूनिट की स्थापना को लेकर एकरारनामा पर हस्ताक्षर के बाद अब पूरे राज्य में डायलिसिस की सुविधा बहाल हो चुकी है। कैमूर सहित शेष अन्य 19 जिलों में पूर्व में डायलिसिस इकाई की स्थापना को लेकर अपोलो डायलिसिस प्राइवेट लिमिटेड, हैदराबाद के साथ एकरारनामा पर हस्ताक्षर किया जा चुका है।
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