घाटशिला अनुमंडल की विभिन्न पंचायत के भवनों में प्रवासी मजदूरों के लिए बनाए गए अधिकांश क्वारेंटाइन सेंटरों पर बड़े पैमाने पर गड़बड़ियों की शिकायत मिलने लगी है। इन केंद्रों पर पहुंचते ही मजदूर भोजन और आवासीय व्यवस्था में गड़बड़ी की शिकायत कर रहे हैं। हालांकि कुछ जगहों को छोड़कर प्रशासन ने तमाम आरोपों को खारिज करते हुए नियमानुसार भोजन और आवासीय व्यवस्था का दावा किया है। दूसरी अोर क्वारंेटाइन सेंटर में ठहरे अप्रवासी मजदूरों ने घटिया और बासी भोजन मिलने की शिकायत की है।
जादूगोड़ा स्थित सीटीसी क्वारेेंटाइन सेंटर में लगातार पेयजल तथा बिजली की शिकायत प्रवासी मजदूर कर रहे हैं। यहां रहने वाले लोग वीडियो वायरल करके सुधार की मांग कर रहे हैं। चाकुलिया प्रखंड के श्यामसुंदरपुर स्वास्थ्य उपकेंद्र में बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर में दिए जाने वाले खाने काे लेकर मजदूराें में नाराजगी है। जानकारी हाे कि स्वास्थ्य उपकेन्द्र में पंचायत की अाेर से भोजन की व्यवस्था की गई है। यहां रहने वाले लोगों का अारोप है कि भोजन में सुबह एक मुठी मुढ़ी-चनाचूर तथा दोपहर में कम मात्रा में भात तथा सब्जी दी जा रही है। कभी-कभार अगर दाल मिल गई तो वह भी अधपका। भोजन की खराब स्थिति के कारण कुछ मजदूर अपने घर से क्वारेंटाइन सेंटर में भोजन मंगवा रहे हैं। इससे संक्रमण फैलने का डर है। मजदूरों का कहना है कि यहां 18 प्रवासी मजदूरों को रखा गया है। सभी मजदूर भूखे-प्यासे एक सप्ताह बाद यहां अलग-अलग जगहों से पहुंचे हैं। उनका कहना है कि अगर भरपेट भोजन नहीं देना है तो उन्हें यहां सेे मुक्त किया जाए। मजदूरों ने इसकी शिकायत बहरागोड़ा केे विधायक समीर मोहंती सेे भी की है। उन्होंने भोजन व्यवस्था में सुधार करने का आश्वासन दिया है।
प्रखंड कार्यालय के निर्देशानुसार दिया जा रहा है भाेजन : मुखिया
मुखिया हीरामनी हांसदा ने बताया कि व्यवस्था प्रखंड कार्यालय के निर्देशानुसार की जा रही है। पहली प्राथमिकता मजदूरों को भोजन उपलब्ध कराना है। मजदूरों की शिकायत पर जिला पार्षद प्रतिनिधि अभिषेक रंजन सिंह, भोरहा पंचायत के सरपंच प्रतिनिधि मोख्तार अहमद के अलावा क्वारेंटाइन किए गए अधिकांश मजदूरों के परिजन भी हाई स्कूल पर पहुंचे थे। मजदूरों ने आरोप लगाते हुए बताया कि खाना बाहर से बनकर आ रहा है। दोनों वक्त केवल चावल परोसा जा रहा है। सुबह में बनी दाल को ही रात में दोबारा दिया जा रहा है। मजदूरों ने फेंके गए खाने को दिखाते हुए बताया कि शिकायत करने पर आपूर्तिकर्ता द्वारा डांट मिलती है। वहीं, प्रवासी मजदूरों एवं उनके परिजनों में आक्रोश को देखते हुए बीडीओ ने कहा कि सेंटर पर ही भोजन बनाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने मजदूरों को आश्वासन दिया कि अब उनके लिए केंद्र पर ही भोजन बनाया जाएगा। कुछ सेंटरों पर भोजन बनाना शुरू कर दिया गया है।
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