भाजपा के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल 3 जून को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का एक वर्ष पूरे होने पर प्रेसवार्ता को संबोधित करने कांकेर पहुंचे थे। प्रेस से चर्चा करते कहा कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेेस सरकार ने गांव-गांव में जो क्वारेंटाइन सेंटर खोले हैं वहां बहुत ज्यादा अव्यवस्था है।
शौचायल, पानी, भोजन, सफाई जैसी समस्या होने के चलते वहां रहने वाले परेशान हो रहे हैं। अब तक क्वारेंटाइन सेंटर में कई लोग परेशान होकर आत्महत्या कर चुके हैं तो कई की सांप-बिच्छु के काटने से मौत हो चुकी है। सरकार के कुप्रबंधन के चलते क्वारेंटाइन सेंटरों में 10 से अधिक मौतें हो चुकी हैं।
अग्रवाल ने कहा कि सरकार को गांव गांव के बजाय विकासखंड स्तर पर क्वारेंटाइन सेंटर बनाने थे। गांव गांव में कोरोना नहीं पहुंचता।
इससे पहले मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाते कहा कि कश्मीर से धारा 370 हटाने की कल्पना तक लोग नहीं करते थे उसे मोदी सरकार ने कर दिखाया। आज पूरे देश में एक संविधान तथा एक कानून लागू हो चुका है। अब देशवासियों को लगने लगा है कि कश्मीर भारत का अविभाज्य अंग है तथा कश्मीर के लोगों को लगने लगा है वे भारत के हैं। सैकड़ों सालों से राम मंदिर का मुद्दा एक समस्या बना हुआ था। मोदी सरकार ने अनुकुल वातावरण निर्मित किया तथा अब राम मंदिर बनने का मार्ग प्रशस्त हो चुका है।
मजदूरों को पहले लाते तो देश में मच जाती भगदड़
भास्कर के सवाल का जवाब देते हुए अग्रवाल ने कहा कि लॉकडाउन के पहले मजदूरों को वापस नहीं लाने का निर्णय पूरे देश की परिस्थिति को देखते हुए लिया गया। अगर लॉकडाउन के पहले मजदूरों को लाते तो पूरे देश में भगदड़ की स्थिति मच जाती तथा कोरोना कई गुना ज्यादा फैल गया होता।
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