प्रमुख संवाददाता, कोरोना काल में जामताड़ा के विधायक डॉ. इरफान अंसारी ने मरीजों की सेवा करने के लिए 15 साल बाद फिर से प्रैक्टिस करने की इच्छा जताई और सरकार ने इसकी अनुमति भी दे दी। लेकिन जामताड़ा जिला प्रशासन को विधायक की एक डॉक्टर के रूप में सेवा की जरूरत ही नहीं महसूस हुई। वह भी तब जबकि जामताड़ा में सरकारी डॉक्टरों के स्वीकृत 88 में से मात्र 32 डॉक्टर ही कार्यरत हैं। जिला प्रशासन की ओर से विधायक की सेवा अस्पताल में नहीं लेते हुए उन्हें सिर्फ फील्ड विजिट के दौरान लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक करने को कहा गया।
जामताड़ा जिले में चिकित्सक के कुल 88 पद स्वीकृत हैं, लेकिन महज 32 डॉक्टर ही पदस्थापित हैं। जामताड़ा सदर अस्पताल में ही स्वीकृत 36 चिकित्सकों के विरुद्ध मात्र 12 ही पदस्थापित हैं। इसमें कई विभागों के विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी है।
अब विधायक बोले-सिर्फ कोरोना ही बीमारी नहीं, जहां जाता हूं मरीज देखता हूं
बीमारी का मतलब कोरोना ही थोड़े होता है। कोई जरूरी नहीं कि केवल कोरोना का ही इलाज करूं मैं तो सेवा दे रहा हूं। सदर अस्पताल में भी दे रहा हूं। जहां जा रहा हूं, वहां मरीज देख रहा हूं।
-डॉ. इरफान अंसारी, विधायक जामताड़ा
सिविल सर्जन बोलीं-विधायक से लोगों को जागरूक करने के लिए कहा है
अभी विधायक की सेवा की जरूरत महसूस नहीं हुई है। उन्हें पत्र लिखकर क्षेत्र भ्रमण के दौरान लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक करने को कहा गया है। जब आवश्यकता होगी तो सेवा ली जाएगी।
डॉ. आशा एक्का, सिविल सर्जन, जामताड़ा
हमलोग उन्हें आदेश तो दे नहीं सकते। एक जगह ड्यूटी नहीं लगा सकते। उन्हें कहा गया है कि आप जहां हैं, वहीं अपनी सेवा दीजिए। लोगों को कहें कि सोशल डिस्टेंसिंग को फॉलो करें।
गणेश कुमार, डीसी, जामताड़ा
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