कोरोना को कम करने के लिए जिले में 31 जुलाई से लेकर 6 अगस्त तक लॉकडाउन लागू किया गया। लेकिन इससे पहले ही गुटखा-गुड़ाखू और सिगरेट के दाम बढ़ गए हैं। यह कालाबाजारी इन दिनों शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में शुरू हो गई है। शहरवासी तो चोरी-छिपे इस काम को बखूबी अंजाम दे रहे हैं लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों के दुकानदार इस काम में सफल नहीं हो पा रहे हैं और जांच के दौरान पकड़े जा रहे हैं।
लगातार मिल रही शिकायतों के बाद मंगलवार को नापतौल निरीक्षक आरएस सोरी ने बास्तानार ब्लॉक के अंदरूनी इलाकों में किराना दुकानों की जांच की तो पाया कि बुधराम और वेनू किराना स्टोर में 12 रुपए में बिकने वाला गुड़ाखू दोनों दुकानदार 30 रुपए में बेच रहे थे। अचानक हुई जांच में कालाबाजारी पकड़े जाने पर निरीक्षक ने दोनों दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 3-3 हजार रूपए का जुर्माना लगाया। लेकिन बुधराम किराना दुकान के संचालक ने जुर्माना नहीं दिया। जबकि वेनू किराना दुकानदार के मालिक ने कालाबाजारी नहीं करने की बात कहने के साथ ही मौके पर जुर्माना पटा दिया। गौरतलब है कि शहर में अब तक इस तरह के मामले को लेकर कोई जांच नहीं शुरू नहीं की गई है। जबकि तेल, शक्कर और अन्य खाद्य सामग्रियों के दामों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है।
पैकेजिंग एक्ट का पालन नहीं, वसूले 5 हजार रुपए
लॉकडाउन के बीच पड़ रहे रक्षाबंधन से पहले खाद्य सामग्रियों की जांच भी खाद्य और नापतौल विभाग ने शुरू कर दी है। बुधवार को शहर से लेकर ग्राम पंचायत आड़ावाल में दोनों विभागों की संयुक्त टीम ने आधा दर्जन दुकानों व होटलों पर दबिश दी। इस दौरान साहू होटल में फूड एवं पैकेजिंग एक्ट की अवहेलना करते पाए समान बेचने को लेकर अधिकारियों ने कार्रवाई करते हुए 5 हजार रुपए जुर्माने के तौर पर वसूला। इस दौरान खाद्य विभाग के फूड इंस्पेक्टर प्रेरणा पोटाई और पायल वर्मा भी मौजूद थी। नापतौल निरीक्षक ने कहा कि होटल संचालक जो खाद्य सामग्री बेच रहा था उस पर पैकेजिंग, वजन और अन्य कई बातों का उल्लेख नहीं किया गया था। जिसके चलते यह कार्रवाई की गई है।
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