6 माह के भीतर खरवत से जमगहना के बीच बाइपास सड़क का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। इसके साथ ही खरवत से जिला मुख्यालय मुख्य शहर से होते हुए जमगहना तक 17 किमी एनएच सड़क पीडब्लूडी विभाग को सौपने की तैयारी हो रही है। हालांकि पहले मरम्मत कराने के लिए एनएचएआई ने पौने तीन करोड़ का एस्टीमेट स्वीकृति के लिए भेजा था। अब जबकि सड़क पीडब्लूडी को सौंपने की तैयारी की जा रही है, तो मरम्मत भी नहीं कराई जा रही है और यहां हर रोज वाहन चालक दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। किसी भी शहर के विकास का मूल्यांकन वहां की सड़कों के आधार पर होता है, इस नजरिये से देखा जाए जिले की हालत बेहद खराब है। हालत यह है कि जिला मुख्यालय की सबसे प्रमुख शहर से गुजरी 17 किमी एनएच सड़क पर बारिश में चलना जोखिम भरा हो गया है। बावजूद सड़क की मरम्मत के नाम पर एनएचएआई हर साल मिट्टी-गिट्टी डाल रही है। खस्ताहाल सड़क पर हर दिन कोई न कोई वाहन चालक गिरकर घायल हो रहा है लेकिन सड़क मरम्मत की ओर जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहें है। अब इस साल सड़क का बनना नामुमकिन नजर आ रहा है, क्योंकि एनएचएआई इस सड़क को पीडब्लूडी को सौंपने की तैयारी में है।
खरवत से जमगहना के बीच बायपास मार्ग बनने के बाद एनएचएआई ने शहर से गुजरी एनएच 43 की मरम्मत से हाथ पीछे खींच लिया है जबकि मरम्मत को लेकर पहले विभाग के अफसरों ने 2 करोड़ 75 लाख का एस्टीमेट मंजूरी के लिए भेजा था। एनएचएआई ने बायपास के बाद अब शहर से गुजरी एनएच की मरम्मत का प्रस्ताव नामंजूर कर दिया है। अफसरों ने बताया कि अब सड़क को पीडब्लूडी को सौंपने की तैयारी की जा रही है, आगे सड़क मरम्मत का काम वही करेगी।
इधर अफसरों का यह भी कहना है कि बायपास मार्ग पूरा होने तक एनएचएआई इस सड़क को पीडब्लूडी को नहीं सौंप सकती है, सड़क पूरा होने में 6 महीने से अधिक समय लगेगा। ऐसे में दो विभागों के पेंच में जिले की प्रमुख सड़क की मरम्मत का काम उलझता नजर आ रहा है।
खराब सड़क से बढ़े हादसे बाइक सवार का पैर टूटा
सड़कों के क्षतिग्रस्त होने से सड़क हादसे भी बढ़े हैं। जिला प्रशासन की हिदायतों के बाद भी एनएचएआई सड़क को गड्ढा मुक्त नहीं कर सकीं है। बीते शनिवार को छिंदडांड कलेक्टोरेट के सड़क के गड्ढे में पानी भरे होने से बाइक सवार रामकुमार साहू गिर कर बुरी तरह घायल हो गया। एक महीने पहले ओड़गी में खराब सड़क से दो पुलिस जवान गिर कर जख्मी हो गए थे।
एनएच किनारे स्थित हैं जिले के प्रमुख कार्यालय
गौरतलब है कि जिला न्यायालय, कलेक्टोरेट से लेकर कई प्रमुख कार्यालय एनएच किनारे स्थित हैं। कलेक्टर, जिले के बड़े अफसर, जनप्रतिनिधि समेत 10 हजार से अधिक लोग रोजाना इस सड़क से आना जाना करते है, फिर भी पिछले तीन साल से सड़क मरम्मत के नाम पर गिट्टी, मिट्टी और मुरूम डाली जा रही है। सड़क चौड़ीकरण के नाम पर सिर्फ नापजोख हुई।
सुधार के लिए एनएचआई से बात करता हूं: कलेक्टर
एनएच एसडीओ बृजेश चतुर्वेदी ने बताया कि बाइपास बनने के बाद शहर से गुजरी 17 किमी एनएच सड़क पीडब्लूडी को सौंपने की तैयारी पर चर्चा कर रहे है। रहा सवाल मरम्मत का तो अभी बारिश के कारण संभव नहीं है। कलेक्टर एसएन.राठौर ने कहा अब बारिश है। इसलिए डामरीकरण संभव नहीं है, लेकिन मैं इसे ठीक कराने के लिए एनएचएआई से बात करता हूं।
लाेनिवि को सौंपने की चल रही तैयारी: सिंहदेव
संसदीय सचिव अम्बिका सिंहदेव ने इस मामले में बताया कि शहर से गुजरने वाली 17 किमी एनएच सड़क को पीडब्लूडी को सौंपने एनएच से चर्चा चल रही है। खरवत बाइपास के पूरा होते ही खरवत, कलेक्टोरेट होते हुए जमगहना तक सड़क का चौड़ीकरण और निर्माण कराया जाएगा।
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