कोंटा ब्लॉक के धुर नक्सल प्रभावित पेंटापाड़ पंचायत के तीन गांव सिंघनमड़गु, छोटेकेड़वाल व कुम्हारपदर की जिला मुख्यालय से दूरी लगभग 100 किमी है। घने जंगल, नदी-नाले और पहाड़ियों से घिर यह इलाका नक्सलियों का सबसे सुरक्षित ठिकाना भी है। नक्सलियों को घेरने साल में दो तीन बार ही फोर्स इस इलाके में बड़ा ऑपरेशन चला पाती है। गुरुवार को एआईएसएफ के प्रदेश अध्यक्ष महेश कुंजाम के नेतृत्व में पंचायत की सरपंच दिव्या कवासी व उपसरपंच हुंगा मरकाम ने कुछ ग्रामीणों के साथ कलेक्टर चंदन कुमार से मुलाकात कर गांवों में स्कूल-आंगनबाड़ी खोलने की मांग रखी।
कलेक्टर को बताया कि पेंटापाड़ पंचायत में नौ गांव आते हैं। इनमें से तीन गांव अलग-थलग हैं। गांवों के बीच की दूरी भी 5 से 7 किमी है। बरसात के दिनों में नदी-नालों में उफान के कारण तीनों गांवों का आपस में नहीं पेंटापाड़ से भी पूरी तरह संपर्क टूट जाता है। यहां न तो स्कूल खुला और न ही आंगनबाड़ी। नक्सली हिंसा के डर से गांव के लोग भी स्कूल व आंगनबाड़ी खोलने की मांग को लेकर आगे आने से डरते थे। बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य व शिक्षा की चिंता अब ग्रामीणों को भी होने लगी है। पेंटापाड़ पंचायत प्रतिनिधियों व ग्रामीणों से चर्चा के बाद कलेक्टर ने तीनों गांवों में जल्द ही स्कूल-आंगनबाड़ी खाेलने का वादा किया।
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