बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर इलाके में डायरिया से एक आदमी की मौत हो गई। वहीं चार लोगों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मृतक और उसका परिवार कुंआ का पानी पी रहा था, जिसमें बाहर का गंदा पानी भी जाता था। इस इलाके में पिछले साल छह से अधिक लोगों की मौत हुई थी। तब भी दूषित पेयजल की समस्या सामने आई थी। इसके बाद भी साफ पेयजल की सुविधाएं इलाके के गांवों में उपलब्ध नहीं कराया जा सकी है। ऐसे हालत में इस साल भी यहां डायरिया का प्रकोप गंभीर रूप ले सकता है।
वाड्रफनगर ब्लॉक की ग्राम पंचायत सरना निवासी बासुदेव कुशवाहा 48 वर्ष की गुरुवार रात उल्टी दस्त से मौत हो गई। ग्रामीणों ने बताया कि कुएं का दूषित पानी पीने से डायरिया हुई और मौत हो गई है। वहीं स्वास्थ्य अमले का दावा है कि सभी गांवों में ब्लीचिंग और बीमारी के रोकथाम के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। वाड्रफनगर बीएमओ डॉ. गोविंद सिंह ने बताया कि डायरिया से एक व्यक्ति की मौत हुई है और 4 लोग पीड़ित हैं। गांव में शिविर लगाकर जांच और दवाइयों का वितरण किया जा रहा है। डायरिया से पीड़ित चार लोगों को अस्पताल में भर्ती किया गया है।
न ब्लीचिंग पाउडर डाला और न ही दवाइयां डाली
वाड्रफनगर के गैना और सरना गांव में कई पहुंचविहीन इलाकों में लोगों ने मकान का निर्माण कर लिया है। जहां पेयजल की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में धान के खेतों में ढोढ़ी बनाकर उसका पानी पी रहे हैं। जहां न तो ब्लीचिंग पाउडर डाला गया है और न ही दूसरी दवाइयां।
भास्कर की खबर पर मंत्री ने अफसरों को दिए थे निर्देश
वाड्रफनगर इलाके के बलंगी, गैना, सरना सहित इन पंचायतों से लगे दर्जनों गांवों में लोगों को साफ पानी नहीं मिल रहा है। पिछले साल दैनिक भास्कर ने इस मामले को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। तब स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने भी पेयजल दुरुस्त करने निर्देश दिए थे।
युवक को मितानिन ने दी थी दवा, नहीं हुआ था सुधार
गुरुवार को डायरिया का प्रकोप दिखा तो मितानिन ने टेबलेट दिए। ठीक नहीं हुआ तो उसे वाड्रफनगर के एक निजी क्लिनिक में ले जाया गया, लेकिन वहां इलाज नहीं किया गया। वहीं कोरोना संक्रमण के डर से सरकारी अस्पताल नहीं गए और रात में घर लौटे इसके बाद उसकी मौत हो गई है।
कुंआ में गंदा पानी, मनरेगा से बनवा सकते हैं चबूतरा
वाड्रफनगर सहित बलरामपुर जिले में ऐसे हजारों परिवार हैं, जो ऐसे कुंआ का पानी पीते हैं। जहां गंदा पानी बहकर बरसात के दिनों में कुंओं में भर जाता है। ऐसे कुंओं के चारों तरफ मनरेगा से घेराव के लिए चबूतरे का निर्माण किया जा सकता है। इससे जहां कुंआ का जीर्णोद्धार हो जाएगा तो ग्रामीणों को साफ पानी भी मिलेगा। बता दें कि इन गांवों में हैंडपंप भी हैं, लेकिन अधिकतर खराब हैं। वहीं अधिकतर में आयरन युक्त पानी निकलता है। इसकी वजह से लोग हैंडपंप का पानी नहीं पीते हैं।
कलेक्टर ने गांवों का दौरा कर अफसरों को दिए निर्देश
बलरामपुर| डायरिया से सरना गांव में एक आदमी की मौत और उसके परिवार के चार लोगों के पीड़ित होने पर कलेक्टर श्याम धावड़े, एसपी रामकृष्ण साहू ने पीएचसी और थाना बलंगी, सीएचसी रघुनाथनगर का निरीक्षण किया। वहीं ग्राम पंचायत गैना में पण्डो जनजाति से मुलाकात कर समस्याओं के बारे में जाना और समस्याओं का समाधान करने अफसरों को निर्देश दिए।
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