कोरोना संक्रमण के चलते जिले में गणेशोत्सव समितियों के लिए गाइडलाइन जारी की गई है। इसके अनुसार मूर्ति की अधिकतम ऊंचाई तथा चौड़ाई चार फीट से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। जहां मूर्ति रखी जाएगी उस पंडाल का साइज 15 गुणा 15 वर्गफीट से अधिक नहीं होना चाहिए। पंडाल के सामने कम से कम 5 हजार वर्गफीट की खुली जगह होनी चाहिए। पंडाल में चार सीसीटीवी कैमरे लगाने के साथ दर्शन करने पहुंचने वाले सभी का नाम पता तथा मोबाइल नंबर रजिस्टर में दर्ज करने का जिम्मा समिति पदाधिकारियों का ही होगा।
कलेक्टर केएल चौहान ने गाइडलाइन जारी की जिसके अनुसार गणेश पंडाल एवं सामने 5 हजार वर्गफीट खुली जगह में कोई भी सड़क अथवा गली का हिस्सा प्रभावित नहीं होना चाहिए। मंडप एवं पंडाल के सामने दर्शकों के बैठने अलग से पंडाल नहीं होगा। दर्शकों एवं आयोजकों के बैठने कुर्सी नहीं लगा सकते। एक समय में मंडप एवं सामने मिलाकर 20 से अधिक व्यक्ति नहीं होना चाहिए। मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति या समिति एक रजिस्टर रखेगा जिसमें दर्शन हेतु आने वाले सभी का नाम, पता, मोबाइल नंबर दर्ज किया जाएगा ताकि उनमें से कोई भी कोरोना संक्रमित होने पर कांटेक्ट ट्रेसिंग की जा सके।
पंडाल में हर दर्शनार्थी मास्क लगाकर ही प्रवेश कर पाएगा
मूर्ति दर्शन या पूजा में शामिल होने वाला कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के नहीं जाएगा। ऐसा पाए जाने पर संबंधित एवं समिति के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति या समिति द्वारा सैनिटाइजर, थर्मल स्क्रिनिंग, आक्सीमीटर, हेंडवाश एवं क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था की जाएगी। थर्मल स्क्रिनिंग में बुखार पाए जाने या कोरोना से संबंधित कोई भी लक्षण पाए जाने पर पंडाल में प्रवेश नहीं देने की जिम्मेदारी समिति की होगी।
यदि स्थापना स्थल कंटेनमेंट जोन बना तो पूजा बंद करनी होगी
फिजिकल डिस्टेंसिंग के साथ आगमन एवं प्रस्थान की अलग से व्यवस्था बांस बल्ली से बैरिकेडिंग करानी होगी। यदि कोई व्यक्ति जो मूर्ति स्थापना स्थल पर जाने के कारण संक्रमित हो जाता है तो इलाज का संपूर्ण खर्च मूर्ति स्थापना करने वाला व्यक्ति या समिति द्वारा किया जाएगा। कंटेनमेंट जोन में मूर्ति स्थापना की अनुमति नहीं होगी। यदि पूजा अवधि के दौरान भी उपरोक्त क्षेत्र कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित हो जाता है तो पूजा तत्काल समाप्त करनी होगी।
प्रसाद और चरणामृत के वितरण पर भी लगाया गया प्रतिबंध
मूर्ति स्थापना एवं विसर्जन के दौरान प्रसाद, चरणामृत या कोई भी खाद्य एवं पेय पदार्थ वितरण की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए एक से अधिक वाहन की अनुमति भी नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए पिक-अप तथा टाटा एस से बड़े वाहन का उपयोग प्रतिबंधित होगा। मूर्ति विसर्जन के वाहन में किसी भी प्रकार के साज सज्जा झांकी की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए 4 से अधिक व्यक्ति नहीं जा सकेंगे।
भोज और भंडारा पर पूरी तरह रहेगा प्रतिबंध
मूर्ति स्थापना के दौरान, विसर्जन के समय या विसर्जन के पश्चात किसी भी प्रकार के भोज, भंडारा, जगराता अथवा सांस्कृतिक कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति स्थापना के समय, स्थापना के दौरान, विसर्जन के समय अथवा विसर्जन के पश्चात किसी भी प्रकार के वाद्य यंत्र, ध्वनि विस्तारक यंत्र, डीजे बजाने की अनुमति नहीं होगी।
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