जिले में कक्षा 10वीं का परिणाम 77.20 तथा 12वीं का 77.80 प्रतिशत रहा। इस वर्ष जिले का एक भी छात्र मेरिट लिस्ट में स्थान नहीं बना सका। यही नहीं गत वर्ष की तुलना कक्षा 12वीं के परिणाम में 4 प्रतिशत गिरावट आई है। इसे गंभीरता से लेते शिक्षा विभाग ने स्कूलवार समीक्षा की तो पता चला कमजोर परिणाम के लिए ज्यादा जिम्मेदार जिले के 27 हाईस्कूल तथा हायरसेकेंड्री स्कूल हैं। इनमें से दो हाईस्कूल तो ऐसे रहे जहां का परिणाम शून्य प्रतिशत रहा यानी वहां कक्षा 10वीं में एक भी छात्र उत्तीर्ण नहीं हो पाया। शिक्षा विभाग ने उक्त 27 स्कूलों के प्राचार्यों को नोटिस जारी किया है।
प्राचार्यों, शिक्षकों पर होगी कार्रवाई
जिला शिक्षा अधिकारी राकेश पांडेय ने कहा जिन स्कूलों का परीक्षा परिणाम खराब रहा है वहां के प्राचार्यों को नोटिस जारी की गई है। कमजोर परिणाम देने वाले स्कूलों के प्राचार्यों तथा जिमनेदार शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जिले में कुल 109 हाईस्कूल तथा 133 हायर सेकेंड्री स्कूल हैं। इनमें से पांच हायरसेकेंड्री तथा 22 हाईस्कूल ऐसे रहे जहां का परिणाम बेहद निराशाजनक यानी 50 प्रतिशत से भी कम रहा।
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