कोरोना संकट के बीच क्षेत्र में आए प्रवासी मजदूरों के पंजीयन के लिए बुधवार को पखांजूर के सद्भावना भवन में शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान भारी संख्या में आए मजदूरों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ही नहीं हुआ। यहां ऐसे भी मजदूर थे, जिन्होंने मास्क भी नहीं लगाया था। शासकीय आयोजन में ही शासन के निर्देशों का पालन नहीं किया गया।
जहां शासन की ओर से रोज मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील की जा रही है, वहीं दूसरी ओर पखांजूर में आए प्रवासी मजदूरों के लिए जिला उद्योग व्यापार केंद्र कांकेर द्वारा लगाए गए पंजीयन शिविर में सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ी। दूर दराज से आए प्रवासी मजदूर पंजीयन कराने के लिए झुंड बनाकर धक्का मुक्की करते रहे। वर्तमान में प्रदेश में कोरोना का प्रकोप बढ़ा हुआ है। रोजाना सैकड़ों की संख्या में नए केस आ रहे हैं। कोयलीबेड़ा ब्लॉक भी कोरोना के मामले में रेड जोन घोषित है। इसके बावजूद जिला प्रशासन द्वारा अनदेखी बरती जा रही है। इसका बड़ा खामियाजा क्षेत्रवासियों काे उठाना पड़ सकता है। प्रशासनिक अधिकारी ही शासन के आदेशों का पालन न कर भीड़ जुटा रहे हैं। वहीं इस दौरान सोशल डिस्टेंस का पालन भी नहीं करा पा रहे हैं।
स्थानीय स्तर पर दिलाया जाएगा रोजगार : कोयलीबेड़ा ब्लॉक में एक हजार से अधिक प्रवासी मजदूर विभिन्न प्रदेशों में काम करने गए थे और लाॅकडाउन के दौरान यह मजदूर वापस क्षेत्र में लौटे हैं। उनके लिए यह शिविर का आयोजन किया गया। इन मजदूरों का पंजीयन होने के बाद स्थानीय स्तर पर उन्हें रोजगार देने की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए जिला व्यापार व उद्योग केंद्र द्वारा शिविर का आयोजन किया गया। आयोजन की जानकारी पंचायत के माध्यम से गांव-गांव में कराई गई, जिसके कारण गांव-गांव से मजदूर पहुंचे। इस भीड़ को नियंत्रित करने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए कोई व्यवस्था तक नहीं थी। ऐसे में सद्भावना भवन में जमकर भीड़ उमड़ गई। लोग एक-दूसरे से सट कर आवेदन जमा करने लगे।
इतनी भीड़ की उम्मीद नहीं थी: सहायक संचालक : सहायक संचालक कौशल विकास बीआर ठाकुर ने कहा भीड़ जुटने से कोरोना फैलने की संभावना तो है, लेकिन इतनी संख्या में लोग आएंगे इसकी उम्मीद नहीं थी। सभी का पंजीयन हो जाएगा, लेकिन लोग भीड़ लगा रहे हैं।
शासन के कार्यक्रमों में संख्या पर कोई पाबंदी नहीं
शासन की ओर से लगातार सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील की जा रही है, लेकिन शासकीय आयोजन में ही इसका पालन नहीं हो रहा। शासन की ओर से शादी व अन्य आयोजनों के लिए लोगों की संख्या और आयोजन के पूर्व अनुमति जैसे प्रावधान कर दिए गए हैं, लेकिन शासकीय आयोजनों के लिए क्या यह नियम का पालन करना अनिवार्य नहीं है या शासकीय आयोजन में उमड़ने वाली भीड़ से कोरोना होने का खतरा नहीं है।
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