जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक कलेक्टोरेट सभाकक्ष में अपर कलेक्टर एमआर चेलक की अध्यक्षता में हुई। इसमें बाल देखरेख एवं संरक्षण संबंधी मुद््दों पर चर्चा की गई। नोवेल कोरोना वायरस कोविड-19 के दौरान मिलने वाले देखरेख संरक्षण के बालकों जो श्रमिक के रूप में कार्य कर रहे हैं और श्रमिक के बच्चे हैं, उन्हें विशेष रूप से समाज की मुख्यधारा से जोडऩे के लिए शिक्षण, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास से जोडऩे के लिए कहा गया।
कलेक्टर ने ग्राम पंचायत एवं वार्ड स्तरीय बाल संरक्षण समिति के पुनर्गठन कर एक सप्ताह के अंदर सूची प्रस्तुत करने जिला पंचायत एवं सीएमओ को कहा। उन्होंने कहा जिले में श्रमिकों का पलायन एवं बाल श्रमिक की सूचना मिलने पर तत्काल संबंधित ठेकेदार व कंपनी पर कार्रवाई की जाए। बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी सीएस मिश्रा, डॉ. डीके रामटेके, नगर पालिका सीएमओ सौरभ तिवारी, सहायक संचालक शिक्षा लक्ष्मण कावड़े, श्रम अधिकारी पंकज बिजपुरिया, जिला बाल संरक्षण अधिकारी रीना लारिया, बाल संरक्षण समिति के सदस्य बसंत ठाकुर, चाईल्ड लाईन संरक्षण अधिकारी, नवा बिहान के संरक्षण अधिकारी तुलसी मानिकपुरी आदि उपस्थित थे।
होटलों व ढाबों में मारा जाएगा छापा
बालश्रम के ठिकानों, ढाबों, होटलों एवं दुकानों इत्यादि में छापामार कार्रवाई करने श्रम विभाग को कहा गया। भवन निर्माण के अपूर्ण कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण कराने निर्माण एजेंसी को कहा गया। बैठक में लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 एवं किशोर न्याय एवं बालकों का देखरेख संरक्षण अधिनियम 2015 के तहत नाबालिकों की पहचान प्रकरण पर रोकथाम के लिए पुलिस थानों को सूचित कर गाईडलाईन की कापी भेजने कहा गया।
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