छत्तीसगढ़ के गांवों में मनाए जाने वाले हरेली तिहार की तर्ज पर मैनपाट का तिब्बती समुदाय भी अपनी अनूठी परंपरा के अनुसार इसे हरियाली सेलिब्रेशन के रूप में मनाता है।
अच्छी बारिश, अच्छी फसल के साथ हरियाली के लिए तिब्बतियों ने अपने सातों कैंपों में एक साथ इस त्योहार को मनाया। हरियाली सेलिब्रेशन के दौरान समुदाय के लोग पानी में खेलकर बारिश को बुलाते हैं। साथ-साथ नाच, गान व अन्य सेलिब्रेशन भी हुआ। इस दौरान तिब्बतियों ने अपने धर्म ग्रंथ को हाथों व पीठ पर बांधकर खेत खलिहान का चक्कर लगाया और मन्नतें मांगी कि खेतों में हमेशा हरियाली बनी रहे। पर्याप्त बारिश के साथ फसल अच्छी हो, ताकि कोई भूखा न रहे। तिब्बती समुदाय के लोगों के अनुसार इस दौरान अपने धर्म ग्रंथ को लेकर दुआएं करते हैं कि फसल अच्छी हो वहीं किसी प्रकार की बीमारी न फैले। इसमें तिब्बती समुदाय के हर परिवार के लोग शामिल हुए। सुबह से यह कार्यक्रम शुरू हुआ जो दिन भर चला।
भगवान बुद्ध के प्रथम धर्म चक्र की शुरुआत पर मनाया जाता है यह त्योहार: धुंधुप बताते हैं भगवान बुद्ध के प्रथम दिशा चक्र की शुरुआत के अवसर पर यह त्याेहार मनाया जाता है। धर्म चक्र भारतीय धर्मों सनातन धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म आदि में मान्य आठ मंगलों अष्टमंगल में से एक है। बौद्ध धर्म के आदि काल से ही धर्म चक्र इसका प्रतीक चिन्ह बना हुआ है।
पर्यावरण को सुरक्षित रखना है जरूरी
तिब्बती समुदाय के धुंधुप तेजरिंग ने बताया कि तिब्बतियों के धर्म गुरु दलाई लामा कहते हैं कि नई पीढ़ी का बेहतर भविष्य देखना चाहते हैं हमें पर्यावरण को सुरक्षित रखना होगा। उनके इसी विचार से प्रभावित होकर हम यहां काम कर रहे हैं। आर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के साथ हरियाली बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं जिसका व्यापक बदलाव दिखने लगा है। स्थानीय लोग भी आगे आ रहे हैं।
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