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घाटशिला के संत नंदलाल स्मृति विद्या मंदिर में एलकेजी और यूकेजी के छोटे-छोटे बच्चों को पाकिस्तान और बांग्लादेश का राष्ट्रगान पढ़ाया जा रहा हैं। साथ ही बच्चों को राष्ट्रीय चिह्न की भी जानकारी दी जा रही है। स्कूल प्रबंधन की ओर से एलकेजी और यूकेजी के बच्चों को तीन अलग-अलग ग्रुप में बांटकर भारत के साथ ही पाकिस्तान एवं बांग्लादेश के राष्ट्रगान को याद करने का टास्क दिया गया है।स्कूल प्रबंधन के इस कदम पर कई अभिभावकों ने आपत्ति जताते हुए अपने बच्चों को पाकिस्तान और बांग्लादेश का राष्ट्रगान नहीं पढ़ाने की अपील की है। मालूम हो कि कोरोना महामारी के बढ़ते खतरे को देखते हुए सभी शिक्षण संस्थान बंद हैं।
ऐसे में बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन ही कराई जा रही है। स्कूल प्रबंधन के निर्देश पर अलग-अलग क्लास के बच्चों का वाट्सएप एवं अन्य माध्यमों से ग्रुप बनाकर पढ़ाई कराई जा रही है। ऑनलाइन क्लास के दौरान ही बच्चों को टास्क भी दिए जा रहे हैं। इसी क्रम में 7 एवं 8 जुलाई को एलकेजी एवं यूकेजी के बच्चों को पाकिस्तान एवं बांग्लादेश का राष्ट्रगान एवं राष्ट्र चिह्न के बारे में बताया गया।शिक्षिका शैला परवीन ने एलकेजी एवं यूकेजी के ग्रुप में मैसेज छोड़ बच्चों को भारत के साथ ही पाकिस्तान एवं बांग्लादेश का राष्ट्रगान याद करने का टास्क दिया।
उन्होंने बच्चों को तीन अलग-अलग ग्रुप में बांटकर अलग-अलग देश के राष्ट्रगान की प्रैक्टिस करने का निर्देश दिया है। एक ग्रुप के बच्चों को भारत का राष्ट्रगान याद करने को दिया गया जबकि दो अन्य ग्रुप के बच्चों को क्रमशः पाकिस्तान एवं बांग्लादेश के राष्ट्रगान को प्रैक्टिस करने का टास्क मिला है। इतना ही नहीं, ग्रुप में बकायदा पाकिस्तान और बांग्लादेश के राष्ट्रगान को पोस्ट भी किया गया है। वहीं, बच्चों को दोनों देश के राष्ट्रगान आसानी से याद हो सके, इसके लिए यू-ट्यूब से वीडियो अपलोड कर उसे ग्रुप में शेयर भी किया गया हैं। स्कूल प्रबंधन के निर्देश पर शिक्षिका की ओर से दिए गए टास्क के बाद हंगामा शुरू हो गया है। इस संबंध में स्कूल के प्रिंसिपल से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी।
शिक्षिका बोली-प्रिंसिपल के निर्देश पर दिया वर्क
शिक्षिका शैला परवीन ने बच्चों को पाकिस्तान एवं बंगलादेश का राष्ट्रगान स्कूल प्रबंधन के निर्देश पर पढ़ाने की बात कही है। दैनिक भास्कर से बातचीत में उन्होंने कहा कि बच्चों को जो भी सिखाया या टास्क दिया गया था वह प्रिंसिपल के निर्देश पर किया गया था। स्कूल प्रबंधन का उद्देश्य बच्चों का सामान्य ज्ञान बढ़ाने मात्र का था। उन लोगों को एहसास नहीं था कि यह इतना बड़ा इश्यू बन जाएगा।
उन्होंने बताया कि प्रिंसिपल के निर्देश के बाद पाकिस्तान एवं बांग्लादेश के राष्ट्रगान से जुड़ा टॉस्क बच्चों से वापस ले लिया गया है। सोशल मीडिया में यह खबर चलने के बाद कई लोगों का गुस्सा स्कूल प्रबंधन के खिलाफ भड़क उठा। लोगों ने मामले को संवेदनशील मानते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
पाक-बांग्लादेश का राष्ट्रगान नहीं पढ़ाया जा सकता
इस प्रकार की घटना की कोई शिकायत नहीं मिली है। अगर किसी स्कूल द्वारा ऐसा करने के लिए बच्चों पर दबाव डाला जा रहा है तो यह गलत है। भारत के बच्चों को पाकिस्तान या बांग्लादेश का राष्ट्रगान नहीं पढ़ाया जा सकता। ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
- शिवेंद्र कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी, पूर्वी सिंहभूम
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