जिले में मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान को सफल बनाने आने वाले दिनों में स्वास्थ्य विभाग मलेरिया पीडि़तों की जांच आरडी किट की बजाय स्लाइड से करेगा। एक पखवाड़े के बाद शुरू होने वाले इस काम को लेकर विभाग ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है और इसके लिए लैब टैक्निशयन को बेहतर ढंग से काम करने की समझाइश देने के साथ ही प्रोत्साहित किया जा रहा है।
पहली बार बस्तर जिले में मलेरिया को जड़ से खत्म करने के लिए चलाए जाने वाले इस अभियान में 4053 मलेरिया से पीड़ित मरीजों को शामिल किया गया है। जिला मलेरिया अधिकारी एसएस टीकाम ने बताया कि आरडी किट से यह पता चलता है कि व्यक्ति मलेरिया से पीडि़त है या नहीं पर मलेरिया के परजीवी अभी शरीर में मौजूद हैं इसके बारे में पता नहीं लग पाता है। यह केवल स्लाइड से जांच करने पर सामने आता है। स्लाइड से जांच में यह पता चल जाता है कि परजीवी अभी किस स्थिति में है। गौरतलब है कि मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान का दूसरा चरण 15 जून से शुरू हुआ था, जो 31 जुलाई को खत्म हो गया। दूसरे चरण में मलेरिया से पीडि़त 4053 मरीज पाए गए हैं।
नहीं कम हो रहे बिना लक्षण वाले मलेरिया के मरीज
पहले चरण की तुलना में दूसरे चरण में मलेरिया के मरीज काफी कम पाए गए हैं। पहले चरण में स्वास्थ्य विभाग को 5203 मलेरिया के मरीज मिले थे, जबकि दूसरे चरण में 4053 मरीज मिले हैं, लेकिन बिना लक्षण वाले मरीजों की संख्या में कोई खास कमी नहीं आ रही है। पहले चरण में जहां 3500 तो वहीं दूसरे चरण में करीब 2100 से अधिक मरीज बिना लक्षण वाले पाए गए हैं।
अभियान के दौरान 112 घरों में मिले मलेरिया के लार्वा
अभियान के दौरान मलेरिया विभाग ने करीब सवा लाख से अधिक घरों का सर्वे किया, जिसमें करीब 112 घरों में मलेरिया के लार्वा मिले , जिन्हें मौके पर नष्ट किया गया। जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि मलेरिया के लार्वा के बढ़ने का सबसे अच्छा समय जून से जुलाई तक का होता है। अभियान का दूसरा चरण इसी दौरान पूरा हुआ है, जिसके चलते इसमें सफलता मिली है।
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