लॉकडाउन के दौरान स्कूल बंद रहने से डंडई प्रखंड के 16 प्राइवेट स्कूल के सैकड़ों शिक्षकों के सामने आर्थिक संकट उत्पन्न हो गई है। इन स्कूलों का संचालन प्रत्येक बच्चों से ली जाने वाली ₹100 से ₹250 फी से होता है। कोरोना महामारी में स्कूल बंद होने के कारण फी नहीं मिलने से स्कूल के प्रबंधकों ने शिक्षकों का वेतन देना बंद कर दिए हैं। जिससे शिक्षकों के सामने भुखमरी की नौबत आ गई है। डंडई प्रखंड में 16 निजी स्कूल हैं।
इन स्कूलों में 100 से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं। हालांकि स्कूल बंद होने के बाद भी अधिकांश स्कूल के शिक्षक ऑनलाइन क्लास के माध्यम से बच्चों के पढ़ाई करवा रहे हैं, लेकिन स्कूल बंद होने के कारण तथा लॉकडाउन के कारण अभिभावक मार्च क्लोजिंग तक का भी स्कूलों में फी जमा नहीं कर रहे हैं। इससे शिक्षकों का पेमेंट नहीं हो पा रहा है।
शिक्षकों ने कहा- 6 महीने का वेतन नहीं मिला, परिवार चलाने में भी हो रही दिक्कत, आगे भी कोई सहारा नहीं, पता नहीं कब मिलेगा समस्या से निजात
निजी स्कूलों के शिक्षकों के लिए सरकार से किसी तरह का पैकेज नहीं मिलने और वेतन भुगतान बंद हो जाने से शिक्षकों की परेशानी बढ़ गई है। बच्चों का भविष्य संभालने वाले शिक्षक आज अपने ही भविष्य को लेकर काफी चिंतित हैं। वेतन नहीं मिलने से शिक्षकों को अपना परिवार चलाना इन दिनों काफी मुश्किल हो गया है। प्रखंड के लवाही कला गांव के आदर्श पब्लिक स्कूल के शिक्षक विनय प्रसाद गुप्ता ने बताया कि 6 महीने का वेतन नहीं मिल पाया है। विद्यालय के निदेशक बताते हैं कि अभिभावकों की ओर से सत्र 2019 -2020 मार्च क्लोजिंग तक का भी शुल्क नहीं आ पाया है। जिससे अभी भुगतान नहीं की जा सकती है। इस स्थिति में हम बहुत ही परेशान हैं। पैसे को लेकर हमारे पास अधिक मुसीबत है। वहीं पैराडाइज पब्लिक स्कूल में पढ़ाने वाले विज्ञान के शिक्षक उपेंद्र कुमार रवि मूल रूप से प्रखंड के ही रहने वाले हैं। पिछले 6 साल से उक्त विद्यालय में शिक्षण कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि 4 महीने से वेतन नहीं मिला है। कब तक वेतन मिलेगा इसकी कोई उम्मीद नहीं है। पैसे खत्म हो चुके हैं। किसी तरह कर्ज लेकर परिवार चला रहे हैं।
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