जनभागीदारी हाईस्कूल परसाही 17 वर्षों में भी शासकीय नहीं हो सका है। केवल आश्वासन के अलावा इस दिशा मंे कोई कदम नहीं उठाया गया है। पालक, जनभागीदारी समिति व ग्रामीण शासन के टाल मटोल रवैये से परेशान हैं। ग्रामीणों ने बताया कि बच्चों की मार्कशीट में शासकीय हाईस्कूल परसाही तो लिखा रहता है, लेकिन स्कूल का शासकीयकरण अब तक नहीं हुआ है। इसे लेकर शाला प्रबंधन सालों से दर-दर भटक रहा है।
जनप्रतिनिधि व शाला समिति के लोगों ने संसदीय सचिव व विधायक कुंवरसिंह निषाद को ज्ञापन सौंपा। उनसे मिले आश्वासन से हाईस्कूल परसाही के शासकीकरण की उम्मीद फिर जागी है। संसदीय सचिव से मिलने जनभागीदारी समिति के गजेन्द्र यदु, पूर्व सरपंच राधेश्याम चेलक, जनपद सदस्य ऋषि कुमार देवांगन, सरपंच प्रतिनिधि मनोहर कोठारी, गणेश यादव आदि पहुंचे थे।
योजनाओं का नहीं मिल रहा लाभ
पूर्व सरपंच गजेन्द्र यदु ने बताया कि विधानसभा चुनाव में विधायक कुंवरसिंह ने परसाही हाई स्कूल को शासकीय कराने का वादा किया था, जिसे निभाने का समय आ गया है। शिक्षा विभाग के साल 2003 के आदेश के अनुसार स्कूल संचालित हो रहा है। इसमें कहा गया था कि दो वर्षों तक स्कूल संचालन की पूरी व्यवस्था समिति/पंचायत की होगी, उसके बाद शासकीयकरण किया जाएगा। लेकिन 17 साल बाद भी ऐसा नहीं हुआ है। इससे हाईस्कूल के बच्चों को शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा।
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